शनिवार, 19 दिसंबर 2020

सोशलमीडिया विद्यापीठ

 धन्यवाद सोशल मीडिया !!


मात्र 10 वर्ष पहले मैं भी एक सामान्य व्यक्ति था, सन 2010 में हिन्दू शब्द से चिढ़ता था, स्वयं को भारतीय मानने को राजनीतिक सोच समझता था और वन्देमातरम या भारत माता की जय को दूसरों का दिल दुखाने वाले नारे समझता था।


इन छह वर्षों में कुछ ऐसे सत्य पता चले कि, जिन पर पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ, फिर जब लगा कि यह सब सच है तो मैं हैरान हूँ।


1. सोशल मीडिया से मुझे यह पता चला कि 'पत्रकार' भी निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुड़े होते हैं।


2. लेखक, साहित्यकार भी निष्पक्ष नही होते। वे भी खास विचारधारा से जुडे होते है।


3. कि साहित्य अकादमी, बुकर, मैग्ससे पुरुष्कार प्राप्त बुद्धिजीवी भी निष्पक्ष नही होते।


4. फिल्मों के नाम पर यह होता है ? बालीबुड का सच पता चला।


5. कि हिन्दू धर्म को सनातन धर्म कहते हैं और देश का नाम हिंदुस्तान है, क्योंकि यह हिंदुओं का इकलौता देश है।


6. कि हिन्दू शब्द सिंधु से नही (ईरानियों द्वारा स को ह बोलने से) नहीं  आया बल्कि हिन्दू शब्द ऋग्वेद में 5000 वर्ष पूर्व (कम से कम) से वर्णित था।


7. कि जातिवाद हजारों वर्ष पूर्व सनातनी नही बल्कि मुगलों के आगमन से उपजी कु-व्यवस्था थी, जिसे अंग्रेजों ने सनातन से जोड़कर हिन्दुओ को बांटा। उसे लिखित इतिहास बनाया।


8. कि किसी समय भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म पूरे विश्व मे फैला था!


9. कि वास्कोडिगामा का सच ये था कि वह एक लुटेरा, धोखेबाज था और किसी भारतीय जहाज का पीछा करते हुए 🇮🇳 पहुंचा!


10. बप्पा रावल का नाम, काम और और अद्भुत पराक्रम सुना। उनसे डरकर 300 वर्ष तक मुस्लिम आक्रांता इधर झांके भी नहीं।


11. टीपू सुलतान एक क्रूर, हत्यारा, इस्लाम का प्रसारक और हिंदुओं का नरसंहार करने वाला था,यह  सच पता चला। 


12 कि ताज़महल, लालकिला, कुतुब मीनार  हिन्दू भवन थे, इनकी सच्चाई कुछ और थी।


13. जिसे लोग व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी कहकर मजाक उड़ाते हैं, उसी ने मुझे महात्मा गांधी के 'ब्रह्मचर्य के प्रयोग' की सच्चाई बताई।


14. गाँधी जी की तुष्टिकरण और 🇮🇳 विभाजन के बारे मे ज्ञान हुआ !


15. नेहरू जी की असलियत, उनके इरादे, उनकी हरकतें, पता चली।


16. POK के बारे मे भी इन 10 वर्षों में जाना कि कैसे 🇵🇰 ने कब्जा किया। और कौन उसे जारी रखना चाहते हैं।


17. अनुच्छेद तीन सौ सत्तर और उससे बने नासूर का पता चला।


18. कश्मीर में दलितों को आरक्षण नही मिलता, यह भी अब पता चला।


19. AMU मे आरक्षण नही मिलता, वह संविधान से परे है !

20. जेएनयू की असलियत, वहाँ के लल्ला लल्ली के खेल और हमारे टैक्स से पलने वाली बिल्ली हमीं से म्याऊं, यह पता चला।


21. वामपंथी-देशद्रोही-विचारधारा और दक्षिणपंथी-सदैव से उपेक्षित-विचारधारा के बारे मे सुना ! इनमें हमारे अपने कौन, यह पता चला।


22. जय भीम समुदाय के बारे मे पता चला। आदरणीय भीमराव के नाम पर उनके मत से सर्वथा भिन्न खेल का पता चला। मीम भीम दलित औऱ हिन्दू दलित अलग होते है पता चला।


23. मदर टेरेसा की असलियत अब जाकर ज्ञात हुई।


24. ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण के बारे में पता चला।


25.आधी उम्र निकल गई लेकिन बिल्कुल पड़ोस में होने वाले तीन तलाक, हलाला, तहरुष, मयस्सर, मुताह जैसी कुरूतियों के नाम भी अब जाकर सुना।


26. ओह! अब मुझे पता चला कि  धिम्मी, काफिर, मुशरिक, शिर्क, जिहाद, क्रुसेड जैसे शब्द मेरे लिए क्या संदेश रखते हैं!


27. सच बताऊं, गजवा ऐ हिन्द के बारे मे पता भी नहीं था. नाम भी नहीं सुना था। यह सब इन 10 वर्षों में पता चला। स्टॉकहोम सिंड्रोम और लवजिहाद का पता चला।

28.मैं कितना बड़ा अज्ञानी था, सैक्युरिज्म की असलियत अब पता चली। मानवाधिकार, विश्वबैंक, बड़ी बिंदी गैंग, लुटियंस जोन इन सबके लिए तो हिन्दू एक चारा था।


29. हिन्दू ला (कानून) और मुस्लिम ला अलग हैं, यह भी सोशल मीडिया ने ही बताया।


30.धर्म और मजहब का अंतर पता चला


और भी कई विषय हैं, जो इन 10 वर्षो मे हमको, आपकोे ज्ञात हुये होंगे, जो देश से छुपाए गये I


आज बड़े बड़े लोग इस 56इंची यंत्र से डरने लगे हैं। 


यह डर अच्छा लगा !!


जय हिंद जय 🇮🇳

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