डेस्क: केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए अब हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। बता दें कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन होता है। केंद्र ने आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले यह ऐलान किया है। अब हर साल नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस बार नेताजी की 125वीं जयंती को भव्य रूप से मनाने का फैसला लिया है, इसे लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अगवाई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस आझाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सेना के प्रथम सुप्रीम कमांडर है। ओर जिनके बारे में ब्रिटेन के प्रधान मंत्री अंडमेन्ट एटलीने खुद कबूल किया था के नेताजी सुभाषचन्द्र की वजह से हमे भारत छोड़ना पड़ा था और भारत को आझाद करना पड़ा था, आगे ये भी कँहा था, भारत को आझाद करने में गाँधी का योगदान न के बराबर है।
सभी भारतीयों से चाहे ओ विदेश में रह रहे हो, 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में हर स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, प्राइवेट कार्यलय ,गल्ली ,मोहल्ले में, घर पर, सड़क पर हर जगह मनाए।
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