सारी सृष्टि ही जिसकी इच्छा से चलायमान है उनको हम क्या निधि दे देंगे...?
15 जनवरी से रामदूत आपके दरवाजे पर आएंगे,उन्हें रुपये भले 10 ही दे देना लेकिन सम्मान पूरा देना...
क्योंकि इस अभियान के पीछे सैकड़ों साल का संघर्ष है और तब का है जब भाजपा -कांग्रेस और आरएसएस भी नहीं थे...
इसलिए रामभक्तों का सम्मान राजनैतिक द्वेष से ऊपर उठकर करना और बताना अपने बच्चों को कि-
कैसे बहुसंख्यक होकर भी हमने 500 साल इंतजार किया, प्राण आहुतियां दीं अपने आराध्य प्रभु श्री राम के लिए उनकी जन्मभूमि पाने को ।
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