*सामान्य जनता का कर्तव्य*
26 जनवरी 2021 को जो भी बेइज्जती पूरे देश की ,की ओ आपने भी ओर सारे दुनिया ने देखी,
किसान के नाम पर जो गंदा खेल कुछ नेता कर रहे है, इन्होंने पूरी सीमाएं लांध दी है।
ओर आज भी, तेजस्वनी आलू, मनीष खिसोदिया, पप्पू पगलिया, शरद शकुनि, संजय अंधा, , प्रियंका कटोरा,ओर बाकी देशद्रोही अब भी नही, सुधरे, बेशर्मी कर ही रहे
अब सामान्य जनता को ओर देशभक्त को अपना कर्तव्य बजाने का समय आगया है।
जो भी नहीं किसान के नाम पर देश को शर्मिंदा करना चाहते है, ये जंहा भी दिखे इनके पिछवाड़े पर इतने जूते मारे के ये जीवन भर ,इस भारत की पवित्र भूमि पर बैठने के लायक न रहे।
महात्मा गांधी ने जो आंदोलन का तरीका सिखाया था, क्या ये लोग उस तरीके का विरोध प्रदर्शन कर रहे है?
ओ महात्मा आमरण उपोषण पर अपने ही जगह बैठ जाता था, उन्होंने काभि भी रोड ब्लॉक नही किया, न जनता को तकलीफ पहुचायी।
उस समय तो अंग्रेज थे? क्या गांधी के आंदोलन में काभि पुलिस को तलवारों से, डंडे से, मारा गया था?
गलती से एक हादसा हुआ, तो गाँधीजी ने अपना आंदोलन बंद कर दिया था।
अगर सच मे राहुल गाँधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, मनीष शिशोदिया, सपा के अखिलेश, राजद के आलू के बेटे ,ओर टिकैत जैसे सब नेता, जिनको सचमे अगर किसानों की फिकर है तो, रामलीला मैदान में आमरण उपोषण पर बैठ जाये,,, न कुछ खाये न पिएं, सिर्फ 40 दिन। यकीन मानो अगर ये 4 दिन भी बिना खाये पिये आमरण उपोषण पर बैठ जाए लाल किले पर तो समझ जाओ, इन्हें सच मे किसानों की फिकर है।
वरना जँहा दिखे जंहा मिले ,ठोको सालो को।
देश के लिए ये करना ही होगा।
मारो सालो को😡
जो तिरंगे को फेख दे ,उसका अपमान करे, ओ भारत का, न किसान हो सकता है, न जवान न कोई सामान्य भारत वासी।
ओ सिर्फ और सिर्फ इस देश का गद्दार ही है।
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