रविवार, 4 अप्रैल 2021

जागो पुलिस वालों एक होजाओ ओर 170 दुष्टों का संहार करो:-महाराष्ट्रा

 नेता और पुलिस


महारष्ट्र की राजनीति में आज जो भी चल रहा है, ओ केवल दो समुदाय के बीच की लड़ाई है।


 एक समुदाय मात्र 288 लोगो का है,ओर दूसरा समुदाय हजारो में है। पर जीत 288 की ??? क्यो???


  जबकि ये 288 सबसे कमजोर समुदाय है, इनकी उम्र भी केवल 5 साल की है। वही दूसरी तरफ  हजारो की तादात वाला समुदाय जिसकी उम्र लगभग 33 साल । फिर भी ये कमजोर, जानते हो क्यो?


 वही एकता का अभाव, 288 हर हाल में एक रहते है, ओर हजारो वाले बिखरे रहते है।और इन हजारो की तादात  वाले समुदाय में से 90% तो इन 288 के पालतू कुते होने मेही अपनी शान समझते है।

 ये इनके सामने दुम हिलाने में अपने आप को गौरव की बात समझते है। चंद बिस्कुट ये 288 वाले फेखे तो ये हजारो वाले में 90% उसको खाकर दुम हिलाने लग जाते है।


  अगर ये हजारो वाला समुदाय एक हो जाये, ओर देश के प्रति ,जनता के प्रति अपने कर्तव्य के प्रति वफादार हो जाये ,,तो यकीन मानो 288 मिनिट में ये 288 को नंगा कर दे,,, ओर विदा कर दे।


 ये हजारो वाले समुदाय को आदरणीय डॉ आंबेडकर जी ने इतनी शक्तियां प्रदान कर रखी है,, के पूछो मत। पर ये उन शक्तियों से अनजान है। ये 288 लोग इनका केवल तबादला कर सकते है, ओ भी केवल महाराष्ट्र के भीतर,,, या ज्यादा से ज्यादा 6 महीने के लिए निलंबन,, इसके खिलाफ अदालत भी है, जंहा ये जा कर अपनी जीत पक्की कर सकते है, बशर्ते कि ये खुद *सत्यमेव जयते हो*

 

 वही दूसरी तरफ अगर ये हजारो वाले एक हो जाये तो ये 288 वालो का जीना हराम कर सकते है। 5 साल का जीवन तो दूर 5 दिन में इनको नानी याद दिला दे। 

 इन 288 के हर गलत काम का लेखा जोखा इन हजारो के समुदाय के पास होता ही होता है। अगर ये 30 मिनिट में हर पाकिट मार को पकड़ने की क्षमता रखते है,,, तो क्या इनके पास इन 288 की जन्मकुंडली नही होगी??


 बस इन  हजारो पुलिस वालों का ज़मीर एक बार जग जाए,,, तो इस राज्य में बदलाव 30 दिन में आजायेगा।  भाई जनता की छोड़ो पर अपने ही पुलिस की भाई यो की तो सोचो,,, आपस मे ईमानदारी से एक होजाओ,, ओर रच डालो एक नया इतिहास। वरना ये 288  बड़े बड़े पदों वाले पुलिस अधिकारी झुका रहे,, तोड़ रहे,, बर्बाद कर रहे है,, तो बाकी की क्या ओकाद

 

 एक वझे जैसा हरामी हजारो ईमानदार पुलिस की पहचान काभि नहीं हो सकता, न होना चाहिए,, ओर दरअसल ये वझे पुलिस वाला था ही नही,, ये इन्ही 288 की जात वाला था,,, ओर इन्ही 288 वालो ने इसे पुलिस की वर्दी में आपके बीच, आपको बदनांम करने के लिए छोड़ा था।


सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय’’ हे महाराष्ट्र पोलीसांचे ब्रीदवाक्य आहे. याचा अर्थ असा की, महाराष्ट्र पोलीस सज्जनांचे रक्षण करण्यास आणि दुर्जनांवर नियंत्रण ठेवून त्यांचा नायनाट करण्यास कटीबध्द आहेत

 करो इसको सार्थक


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