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शनिवार, 30 जनवरी 2021

हार्ट पेशंट, डाईबेटिस पेशंट:- करोणा वेक्सीन लेते समय ये ध्यान रखे।

मोदी और बाज।

*मोदी और बाज* बाज की तेज नझर ओर तेज पकड़ से तो हम वाकिफ है, हम जानते है ऊंचे आसमान में रहकर भी हो जमीन पर के हर साँपो पर नझर रखता है, ओर पकड़ पकड़ पर मारता भी है। और उसकी उड़ान सबसे ऊंची होकर भी ,आवाज कभी नही होती, न उसके पंख फड़फड़ाने की, न शिकार करते समय, शिकार को पता भी चलता है, के कब उसका शिकार हो गया, ओर जब कोई एक बार उसके पंजे में आजाता है, उसका बचना नामुमिकन हो जाता है। एकमात्र पप्पू पक्षी जो एक बाज को चोंच मारने की हिम्मत करता है, वह है- *रेवेन*। यह बाज की पीठ पर बैठता है और उसकी गर्दन पर अपनी चोंच से काटता है। हालांकि बाज जवाब नहीं देता और न ही रैवेन से लड़ता है। बाज रेवेन के साथ लड़ने में समय ओर ऊर्जा बर्बाद नहीं करता है। बाज सिर्फ अपने पंख खोलता है और आसमान में ऊँची उड़ान भरने लगता है। उड़ान जितनी ऊँची होती जाती है, रेवेन को सांस लेने के लिए उतनी ही कठिनाई होती है और अंत में ऑक्सीजन की कमी के कारण रैवेन गिर जाता है। इसीलिए कभी-कभी सभी लड़ाइयों का जवाब देने की आवश्यकता नहीं होती है। लोगों के तर्कों या उनकी आलोचनाओं के जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है, बस अपना स्टैंडर्ड ऊपर उठाएं, वे स्वतः ही गिर जाएंगे। सो पप्पू, खेजरी, शरद, ममता, आलू, अब्दुल्ला, खिसोदिया, डिकेत,ओर उसके जैसे देशद्रोही रोज क्या बकते है, ध्यान मत दो। बस बाज का खयाल रखो🙏

शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

मारो देशद्रोहियों को सरे आम:- सामान्य जनता का कर्तव्य

*सामान्य जनता का कर्तव्य*

 26 जनवरी 2021 को जो भी बेइज्जती पूरे देश की ,की ओ आपने भी ओर सारे दुनिया ने देखी,
किसान के नाम पर जो गंदा खेल कुछ नेता कर रहे है, इन्होंने पूरी सीमाएं लांध दी है।
ओर आज भी, तेजस्वनी आलू, मनीष खिसोदिया, पप्पू पगलिया, शरद शकुनि, संजय अंधा, , प्रियंका कटोरा,ओर बाकी देशद्रोही अब  भी  नही, सुधरे, बेशर्मी कर ही रहे

 अब सामान्य जनता को ओर देशभक्त को अपना कर्तव्य बजाने का समय आगया है।
 जो भी नहीं किसान के नाम पर देश को शर्मिंदा करना चाहते है, ये जंहा भी दिखे इनके पिछवाड़े पर इतने जूते मारे के ये जीवन भर ,इस भारत की पवित्र भूमि पर बैठने के लायक न रहे।

महात्मा गांधी ने  जो आंदोलन का तरीका सिखाया था, क्या ये लोग उस तरीके का विरोध प्रदर्शन कर रहे है?
 ओ महात्मा आमरण उपोषण पर अपने ही जगह बैठ जाता था, उन्होंने काभि भी रोड ब्लॉक नही किया, न जनता को तकलीफ पहुचायी।
उस समय तो अंग्रेज थे? क्या गांधी के आंदोलन में काभि पुलिस को तलवारों से, डंडे से, मारा गया था?
 गलती से एक हादसा हुआ, तो गाँधीजी ने अपना आंदोलन बंद कर दिया था।

अगर सच मे राहुल गाँधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, मनीष शिशोदिया, सपा के अखिलेश, राजद के आलू के बेटे ,ओर टिकैत जैसे सब नेता, जिनको सचमे अगर किसानों की फिकर है तो, रामलीला मैदान में आमरण उपोषण पर बैठ जाये,,, न कुछ खाये न पिएं, सिर्फ 40 दिन। यकीन मानो अगर ये 4 दिन भी बिना खाये पिये आमरण उपोषण पर बैठ जाए लाल किले पर तो समझ जाओ, इन्हें सच मे किसानों की फिकर है।

वरना जँहा दिखे जंहा मिले ,ठोको सालो को।

 देश के लिए ये करना ही होगा।

 मारो सालो को😡
जो तिरंगे को फेख दे ,उसका अपमान करे, ओ भारत का, न किसान हो सकता है, न जवान न कोई सामान्य भारत वासी।
 ओ सिर्फ और सिर्फ इस देश का गद्दार ही है।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

कोंग्रेस, आप, पाकिस्थान की भारत के खिलाफ बड़ी साजिश देखे

मेरे आदर्श नेताजी सुभाषचंद्र बोस

23 जनवरी 2021 कोलकता, पछिम बंगाल

गुरुवार, 28 जनवरी 2021

देशद्रोही आढ़तिये ओर हिंदुस्थानी हिन्दू

जब दो दो कौड़ी के आदमी देश के प्रधानमंत्री को गालियां देते हैं,
उनकी कब्र खोदने के नारे लगा सकते हैं ,
 गांव से महिलाओं को ट्रैक्टर में बिठाकर दिल्ली  बार्डर पर मोदी को गालियां दिलवा सकते हैं,
तो हम अपने विचार रखने में क्यों हिचकें।देश मेरा भी है।
जिन के कारण और जिनको घोर कष्ट हो रहा है ,वो सब भी हमारे आत्मीयजन हैं।सरकारें  आती जाती रहती हैं ।
2 महिने से सुन सुन कर कान पक गए, किसान,
किसान,
किसान,
देश का अन्नदाता है, 
पालनहार है।
किसान खेती नहीं करेगा तो देश भूखा मर जायेगा।
हां है,बिल्कुल है अन्नदाता ....
पर  ऐसे तो जो भी जो व्यक्ति कार्य करता है उसकी अबश्यकता होती है, डॉक्टर डाक्टरी ना करे, मास्टर मास्टरी ना करे, टेलर कपड़े ना सिले, सिपाही रक्षा ना करे......... अनगिनत कार्य है ।
कोई मुझे ईमानदारी से बतायेगा कि यदि किसान खेती नहीं करेगा तो किसान का परिवार बचेगा?
उसके परिवार का लालन पालन हो जायेगा?
उसके बच्चों की फीस कपड़े दवाई सब कहां  से आयेगा ? कपड़े कहाँ से लाएगा, अन्य आवश्यकता की वस्तुएँ कहाँ से लाएगा, 
मानते हैं वो कड़ी मेहनत करके अन्न उगाता है तो क्या मुफ्त में बांटता है?
बदले में उसका मूल्य नहीं लेता क्या?
फिर वह दुनिया का पालनहार कैसे माना जाये?
दुनिया का हर व्यक्ति रोजगार करके चार पैसे कमा कर अपना परिवार पालता है।और प्रत्येक कार्य का अपनी जगह अपना महत्व है ..।
तो किसान का रोजगार है खेती करना। सच्चाई तो ये है उन्हे खेती के अलावा और कुछ आता ही नहीं,
और जिन्होंने कुछ सीख लिया कुछ अच्छा  कमा लिया उन्होंने खेती करनी ही छोड़ दी।कोई आढत की दुकानदारी करता है,
तो कोई प्रोपर्टी का धन्धा करता है,
तो कोई हीरो होन्डा आदि की ऐजेन्सी लिये बैठा है,
तो कोई रोड़ी बदरपुर सीमेंट ही बेच रहा है।
और नहीं तो मुर्गा फार्म खोले बैठा है यानि सबसीडी के चक्कर में जोहड़ में मछली ही पाल रहा है।
उन्हें क्या किसान कहेंगे? 
36 प्रकार की सबसिडी किसानों को मिल रही है,
6000 वार्षिक खाते में में आ रहे हैं,
माता पिता पैन्शन ले रहे हैं,
आये गये साल कर्जे माफ करा लेते हैं,फिर कहते हैं मोदी तेरी कब्र खुदेगी।
किसी रिक्शा वाले की,
किसी ऑटो वाले की,
किसी नाई की,
किसी दर्जी की,
किसी लुहार की,
किसी साइकिल पेन्चर लगाने वाले की,
किसी रेहड़ी वाले की,
ऐसे न जाने कितने छोटे रोजगारों की कोई सबसिडी आई है आज तक?
किसी का कर्जा माफ हुआ है आज तक? क्या ये लोग इस देश के वासी नही हैं?
कल को ये भी आन्दोलन करके कहेंगे देश के पालनहार हम ही हैं।
रही बात MSP की 😀😀 कल हलवाई कहेंगे
सरकार हमारे समोसे की एम एस पी 50 रुपये निश्चित करो।
चाहे उसमें सड़े हुए आलु भरें।
हमारे सब बिकने चाहियें।
नहीं बिके तो सरकार खरीदे,
चाहे सूअरों को खिलाये।
हमें समोसे की कीमत मिलनी चाहिए ।परसों बिरयानी वाले कहेंगे एक प्लेट बिरयानी 90 रुपये एम एस पी रखो चाहे उसमें कुत्ते का मांस डालें या चूहों का सब बिकनी चाहिये।
जो नहीं बिके उसे खट्टर और दुष्यंत खरीदें और पैसे सीधे हमारे खाते में जमा हों।
ये सब तमाशा नहीं तो क्या हो रहा है।
दिल्ली में जो त्राहि त्राहि हो रही है,
ना दूध पहुंच रहा है,
ना सब्जी पहुंच रही है,
ना कर्मचारी समय पर पहुंच पा रहे हैं उनकी ये दशा बनाने का क्या अधिकार है इन तथाकथित किसानों का?
सत्य कड़ुवा होता है
पंजाब वाले घेराव करें अपने मन्त्रियों का और हरियाणा वाले अपने मन्त्रियों का अपनी माँगो के लिए राज्य सर कार के द्वारा केन्द्र सरकार पर दवाब बनाये!
दिल्ली को घेर कर आम आदमी को क्यों परेशान किया जा रहा है ?
        आम जनता को परेशान होते देखकर यह पोस्ट लिखी जा रही है कृपया जिन जिन लोगों को यह पोस्ट अच्छी लगे और वह भी इस आंदोलन से परेशान हो वह इसे जरूर आगे बढ़ाए

*कांग्रेस को क्यों गाली  देते हो मित्रो ? गलत तो आप और हम हैं । बस समझ समझ  का फेर है ।*

लाल बहादुर शास्त्री जी की हत्या के बाद भी कांग्रेस को सत्ता में लाया कौन था?

*हम*

5000 संतो को संसद के गलियारे में गोलियों से भूनने के बाद भी इंदिरा गांधी को सत्ता किसने दी थी?

*हमने*

चीन से ज्यादा सैन्य शक्ति से संपन्न होते हुए भी 1962 में अपनी लाखो हेक्टेयर जमीन चीन को लुटा देने वाली कायर कांग्रेस को सर आंखों पर बिठाया था किसने?

*हमने*

हिंदुओं की चुन चुन कर नसबंदी करने वाली और मुस्लिम को अल्लाह की देन पर बच्चे पैदा करने वाली कांग्रेस को वोट देकर राज किसने करने दिया था?

*हमने*

आपातकाल लगा कर जयप्रकाश नारायण जैसे लोकप्रिय जननायक को कुचलने की मुहिम चलाने वाली तानाशाह इंदिरा गांधी को कुर्सी किसने दी थी?

*हमने*

भोपाल कांड में हजारों लोगों को तड़पा तड़पा कर मारने वाले एंडरसन को भगाने वाली *Rajiv Feroz Khan Gandhi* कांग्रेस को अपना माई बाप बताया किसने?

*हमने*

दिल्ली में लगभग 20 हजार से ज्यादा सिखों को गोलियों से भून दिया आग लगा फिर भी सत्ता में लाया कौन

*हमने*

देश की जनता के टैक्स के पैसे को बोफोर्स की दलाली में खाने वालों को गद्दी किसने दी?

*हमने*

Rahul Gandhi Kay asli Baap क्वात्रोची को खरबपति बना कर देश के सोने को गिरवी रखने की जिम्मेदार कांग्रेस के पीछे कुत्ते की तरह टुकड़े की आस में कौन जीभ लटका कर घूमता रहा?

*हम*

हर्षद मेहता के सूटकेसों से प्रधानमंत्री आवास को कलंकित करने वाली कांग्रेस को और शिबू सोरेन जैसे सत्ता के दलालों को खरीदने के आरोपों में एक प्रधानमंत्री को अदालत के कटघरे में खड़े होने वाली कांग्रेस के इशारे पर बाजपेई जी की सरकार गिराने वालो को संसद में बिठाया किसने था?

*हमने*

बाजपेई जैसे कर्मठ, सत्यनिष्ठ जननायक को हटाकर इस सत्ता की दलाल विदेशी औरत को देश की मालकिन बनाया था किसने?

*हमनें*

2G, कोयला, दामाद राबर्ट बडेरा, बाबा रामदेव कांड, अन्ना हजारे आंदोलन जैसे एपिसोड्स को 5 सालो में ही भुलाकर आज तक के सर्वकालीन *अयोग्य और मूर्ख राहुल गांधी को* अपना जननायक मान कर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में देश के मुंह पर कालिख किसने पोती?

*हमने*

और इतना ही क्यूं .....
कल्याण सिंह को हटाकर राम भक्तों को गोलियों से भूनने वाले मुलायम को सत्ता किसने दी थी?

*हमने*

*तिलक, तराजू और तलवार* ... *इनको मारो जूते चार* ... कह कर तुम्हारे पिछवाड़े लाल करने वाली मायावती को सत्ता के शिखर पर पहुंचाया किसने?

*हमने*

दूध दुहने वाला लालू यादव तुम्हारे भूखे पेट को रौंद कर खुद खरबपति बन बैठा, गिरफ्तारी देने भी हाथी पर बैठ कर गया .....

और हम गाजे बाजे के साथ नाचते रहे ... पूरे बिहार में उसे, अपनी अनपढ़ पत्नी के सिवाय कोई योग्य बिहारी नहीं मिला जिसको मुख्य मंत्री बनवा देता पर फिर भी उसको अपना भाग्य विधाता मानता रहा कौन?

*हम*

हिंदुओं का दुर्गा पूजा करने तक का अधिकार छिनने वाली, 
तारकेश्वर के महाशिव मंदिर का चेयरमैन एक मुस्लिम  को बनाने वाली, 
हिन्दू विरोधी, इस्लाम परस्त, भारत विरोधी ममता बनर्जी के पीछे पीछे कुत्तों की तरह झंडा उठा कर चलता है कौन?

*हम*

कर्नाटक में सरे आम गाय काट कर खाने वालों को वोट देकर सत्तासीन किया किसने?

*हमने*

हजारों सिक्खों को मौत के घाट उतारने वाली कांग्रेस का चमचा कौन बना? सिद्धू और मनमोहन सिंह जैसे रीढ़विहीन

अपने ही हत्यारों को,   कांग्रेस को अपना मालिक किसने बनाया भाई?

*हमने*

देश की सेना को श्रीलंका में भेजकर अपने ही भारत के भाईयों को मरवाने वाली कांग्रेस की तलवे चटाई कौन करता रहा?

*हम*

कश्मीर से हिंदुओं को बेदखल कर हमको अपने ही देश में शरणार्थी बनाने वाली कांग्रेस को सत्ता में कौन बिठाता रहा?

*हम*

सोनिया गांधी के 10 साल के कुशासन में एक एक करके सैकड़ों मिग लड़ाकू विमान रहस्यमय तरीके से क्रैश होते गए, 
फोर्स के पायलट मरते गए, 
पर *पैसे का रोना रोकर एक भी नया लड़ाकू विमान नहीं खरीदा गया* 

*देश की सुरक्षा के साथ इतना बड़ा खिलवाड़* 

वहीं दूसरी ओर गठबंधन की मजबूरी का हवाला देकर लाखों करोड़ लुटाए जाते रहे ..... 

और फिर भी राफेल राफेल चिल्लाने वाले हरामी नेताओं की बातों में सुगंध की अनुभूति होती है किसे?

*हमें*

तो इसलिए आज के बाद कांग्रेस को गाली मत दो, लालू, मुलायम, मायावती और ममता को मत कोसों ..

*गलत सिर्फ हम हैं*

*खुद का मूल्यांकन करों, खुद को नजर भर कर देखों* ।

 किसी भी पार्टी विशेष या संस्था के गुलाम नहीं, *देश के सेवक बनो*

बुधवार, 27 जनवरी 2021

दर्शना ओर ग्रुप 26जानेवारी 2021 अमेरिका में मनाते हुए।

हम भारतीय कही भी रहे भारत की आन बान शान को सदा प्रथम स्थान देते है। ये मेरी एक मित्र है, USA मे जिसे में अक्सर राजकुमारी ऑफ औरंगबाद के नाम से संबोधित करता हु। देखे और देशभक्ति का आनद ले

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

आज देश शर्मिंदा है,आढ़तियों का नही देशद्रोहियों का आंदोलन

आज देश शर्मिंदा है। आढ़तियों का नही देश द्रोहियों का आंदोलन


 आज 26 जनवरी 2021 को जो भी दिल्ली में हुआ, उस पर हम फौजी तो  शर्मिदा है ही, देश में का हर इंसान हर भारत वासी शर्मिंदा है।
 आज पहली बार आझाद भारत  के  इतिहास में मेरे देश का तिरंगा उताकर ,आंतकवादी यो ने अपना झंडा लगा दिया।

 हर चैनल के फुटेज में जो पगड़ी पहने सिख नझर आरहे क्या ओ सही में सरदार थे? या सरदारों को बदनाम करने वाले कोई नकलची।
 गुरु तेग बहादुर से लेकर आज तक हर सरदारों ने इस देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। फिर ये कौन थे?

 काश दिल्ली पुलिस के जगह आज कोई डिवटी पर का फौजी होता या कोई निव्रुत सैनिक भी होता, तो ओ सबसे पहले, लाल रंग किले पर तिरंगे को उतारने वाले को पहले गोली मारता ,ओर फिर भले ही शाहिद हो जाता।

 1942 में क्या इसी दिन के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस में आझादहिन्द सेना की स्थापना कर के, ये नारा दिया था, चलो अब दिल्ली? चलो दिल्ली, दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराना है। क्या यही दिन देखने के लिए आझाद हिन्द सेना के 30 हजार सैनिको ने अपने जान की आहुति दी थी?

 क्या भारत के गृहमंत्री का भी ये फेल नही? जँहा खुद रहते है, वहां ये होने वाला है, क्या इसकी भनक भी अमित शाहा को नही लगी?😡

क्या कर रहा है दिल्ली का मुख्यमंत्री? क्या उसीकी साजिश है?😡

 ओर कँहा गए ओ जांबाज सरदार ,जो चिड़िया से बाझ लड़ाने का, 1 लाख से एक लड़वाने का दावा करते है? क्या लाल किले की भीड़ में कोई भी सच्चा सरदार न था?😡

 क्या यही दिन देखने के लिए हमने बीजेपी को सत्ता सोपी थी? 
हम सब जानते है, कोंग्रेस, राष्ट्रवादी कोंग्रेस, ममता ,माया ,केजरीवाल, शिवसेना, सभी विरोधी सरकार की विरोधी है, देश मे दंगे फसाद फैलाना ओर सरकार को गिराना उद्देश्य लेकर काम कर रही है। पर राजनीतिक विरोध और देशद्रोह का फर्क भी ये लोग भूल गए?😡

विरोधी मोदी का विरोध करते करते देशद्रोही बन गए।😡
 ये देश आज शर्मिदा है, शर्मिंदा है।

 हम भारत सरकार से निवेदन करते है, इस आंदोलन के हर नेता को देशद्रोह के केस में तमाम उम्र जेल में ठोके, या उसी लाल किले पर फाँसी पर लटका दे। और cctv ,मीडिया फुटेज से जाँच कर हर उस गद्दार को उम्र भर जेल में डाले, ओर देश की संपत्ति की वसूली हो, ओर जिस जिस आंतकवादी ने तिरंगा उतारा उसे सरे आम उसी किले पर गोली से उड़ा दे।
 ओर उन जज को भी न बक्शे जो संविंधान ओर देशप्रथम में फ़र्ख न समझता हो।😡

 दिल्ली के पोलिस के पास हत्यार शोभा के लिए नही दिए, उसे देश की इज्जत को बचाने के लिए दिए है, ये है पोलिस के आला अधिकारी को पढ़ाये।

 में चाहता तो आज दिल्ली के इस शर्मनाक करतूतो के कई वीडियो डालता। पर में ऐसा नही करूँगा। ये भी देश का अपमान होगा

कँहा है 15 अगस्त के स्वतंत्रता के पेपर?

रविवार, 24 जनवरी 2021

India became number 1

जयश्रीराम कहना अपराध? क्यो ममता आपा?

पराक्रम दिवस पर भारत माता की जय, जयश्रीराम के नारों से बंगाल का अपमान हुआ:- ममता खान


 कल 23 जनवरी को  अखंड आझाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री यव राष्ट्रपति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्म दिवस, जिसे अब पराक्रम दिवस की तौर पर मनाने का भारत सरकार ने शुरवात की है। इसी के तहत कल बंगाल में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख को आमंत्रित किया गया था। जिसमे भारत के प्रधानमंत्री विश्व के नंबर वन नेता श्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे, ओर भी सभी पार्टियों के नेता भी।

 उस मे नेताजी की जय के साथ साथ भारत और विश्व के आराध्य श्री राम की जय, भारत माता की जय के भी नारे में जनता ने नारे लगा ये। तो पछिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता खान भड़क गयी, ओर उसने कँहा के ये मेरा ओर बंगाल की जनता का अपमान है। इस तरह ममता ने आज सारे भारत को ये संदेश दे दिया के ओ असली भारत विरोधी है।
 बंगाल की जनता के लिए , भारतमाता की जय, ओर जयश्रीराम का नारा हजारो वर्षों से गौरवशाली रहा है। ममता ने बंगाल में आकर भी, बंगाल की असली संस्कृति को पहचाना नही।
 बस अब यही मुद्दा भारतीय जनता पार्टी चुनाव में उठा देगी। क्यो की इस पार्टी को तो हमेशा भारत प्रथम ही है।
 ममता ने 2014 के बाद बदला भारत को पहचान ने में भूल की है। इस देश मे अब हर भारत वासी भारत को पूरी दुनिया मे उसी स्थान पर ले जाने के लिए चल पड़ा है, जो ओ हजारो साल पहले था। 

सोने की चिड़िया जिसे कहते थे, ओर जिसकी सीमाएं ईरान से लेकर चीन तक थी, ओर जिसको दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश कहा जाता था।
ममता खान वही भूल कर गई जो कोंग्रेस ओर बाकी विपक्ष की पार्टियां ने की। आज भारत मे किसी भी कोने में ओ नेता/ या ओ पार्टियां काभि भी राज नही कर पायेगी ,जो मुस्लिम परस्त हो, हिन्दू विरोधी हो, ओर जो मोदी की गाली देती हो।
 ये नया भारत है, यँहा विकास सबसे ऊपर है। ओर विकास का दूसरा नाम मोदी है।

शनिवार, 23 जनवरी 2021

सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग का रहस्य?

पहले वीडियो देखिए फिर पोस्ट पढिये वीडियो देखने पर समझ आया होगा की लटटू समान वस्तु हवा में घूम रही ये लट्टू कोई और न सोमनाथ मन्दिर के पुराने ज्योतिर्लिंग की स्तिथि बता रहा है अभी जहा सोमनाथ मंदिर है गुजरात मे वो मन्दिर नीचे जमीन से जुड़ा हुआ है पर एक समय था तब ये सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग इसी तरह हवा में तैरता था जब महमूद गजनवी ने आक्रमण किया था तब वो ज्योतिर्लिंग को इस तरह हवा में तैरता देखकर हैरत में पड़ गए बहुत जानने की कोशिश की कुछ ने कहा अदृश्य शक्ति ने ज्योतिर्लिंग को इस तरह पकड़े हुए है कुछ ने कहा सम्यन्तक मणि छुपी हुई है उसकी शक्ति से ये हवा में तैर रहा है मणि और खजाने के चक्कर मे पूरे मन्दिर को लूट लिया गया पर शिवलिंग के बारे में न जान पाए विफल हो गए तब अंत मे एक ज्ञानी व्यक्ति ने बताया कि छत और जमीन लोडस्टोन मैग्नेटाइट से बनी हुई है और शिवलिंग खुद लोहे का बना हुआ है सत्यता जांचने के लिए शिवलिंग की और तलवार के साथ प्रयोग किया गया तलवार शिवलिंग के समान बीच के हवा में तैर रही थी छत वास्तव में स्थायी चुंबक था और लोहे के शिवलिंग को अपने चुंबकीय बल के साथ पकड़ता था शानदार वास्तुकार, जिसने इसे पूरी तरह से इस तरह से स्थापित करने की योजना बनाई थी कि चुंबकीय बल ऊपर और नीचे की ओर बराबर था, जो मध्य हवा में शिवलिंग का धारण किये रहता था महमूद गजनवी ने आदेश पर सारे पत्थरो को हटा दिया गया जिससे शिवलिंग जमीन पर नीचे स्थापित हो गया ये सब सोचने पर मजबूर कर देते है कि प्राचीन समय मे भी इतने श्रेष्ठ वास्तुकार थे...!!

शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

भारत का ओ शक्श जो ब्रिटेन के MI अमेरिका के CIA ओर खुद भारत के IB को 40 साल तक पकड़ में नही आया। दोनो वीडियो भी देखे।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की खासियत सिर्फ ये नही, के ओ अखंड आझाद भारत के पहले प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति ओर सेना के सुप्रीम कमांडर थे। भारत को स्वतंत्र होकर, लगभग 75 साल होने जा रहे है, कई राष्ट्रपति होगये ओर प्रधानमंत्री हो गए,, पर अगर हम आज के पीढ़ी को उनका नाम लेकर पूछे के कौन थे,,, तो किसी को याद नही,, या उनके फ़ोटो दिखाकर पूछो ये कौन थे? तो ओ भी बता नहीं सकते। पर नेताजी ओर सिर्फ नेताजी सुभाषचंद्र की तस्वीर दिखा दो, तो बच्चे तुरंत नाम बता देते है। ऐसा क्यो? कांग्रेस ओर वामपंथियों ने पिछले 70 साल से लगातार कोशिश की, के उनका नाम भारत के इतिहास से हमेशा के लिए गायब कर दिया जाय। पर नाकामियाब ही रहे। ये हस्ती है उस शख्स की। छत्रपति शिवाजी ने दिल्ली से मोगलों की कैद से सही सलामत निकलकर इतिहास रचा, उनके बाद भारत के इतिहास में केवल नेताजी सुभाषचंद्र बोस ही है, जिन्होंने अंग्रेजो की कैद से सफलता पूर्वक निकलकर इतिहास रचा। क्या हम सोच भी सकते है आज? के आजसे लगभग 75 साल पहले, कोई इंसान उस अंग्रेजो की कैद से सही सलामत निकलकर भाग सकता है, जिसकी हुकमत लगभग आधे विश्व पर थी? सिर्फ निकलकर भागे ही नही, भारत से कोसो दूर जाकर ओ इंसान उस समय के सबसे बड़े नेता हिटलर की आंखों में आंखे डालकर मित्रतापूर्ण बात करता है, उसकी कैद से भारतीय सेना के जवानों को रिहा करता है, ओर उस जमाने मे अंग्रेजो की आंखों में धूल झोंककर 6 महीने पनडुब्बी में सफर कर जापान भी सही सलामत पहुचता है। और वँहा जाकर 70 "हजार भारतीय सेना के जवानों को जो, बंदी थे, उन्हें आझाद भी करवाता है, ओर आझादहिन्द देश की स्थापना कर के उस जमाने मे 14-15 देशों से उसे मान्यता भी दिलाता है। वो यही नही रुकता ओ उस आझाद भारत की सेना खड़ी करता है, RBI जैसी बैंक बनाता है। अपनी करंसी चलाता है। और चलो दिल्ली का नारा देकर ब्रिटेन को चुनोती देता है। इतना ही नही ओ 1945 से लेकर 1985 तक ब्रिटेन की MI अमेरिका की CIA, ओर नेहरू की IB जैसी जासूसी यंत्रणा के पकड़ में भी नही आता, जब के भारत मे ही रह कर हर युद्ध मे भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों की मदत भी करता है। भारतीय सेना का गीत जो उसने चलाया था, आज भी सेना उसी गीत को पूरे शान शौकत से गा ही रही है। आज भी केवल ओहि गीत। कदम कदम बढ़ाए जा,, खुशी के गीत गाये जा,, ये जिंदगी है कौम की,, तू कौम पे लुटाए जा,, आज भी हर भारतीय चाहे तो हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, बौद्ध, पारसी, बड़े शोख से गाता है और सुनता भी है। क्या है उस गीत में ओर उस शख्स के नाम मे, जो हर भारतीयों के दिल मे बस गया है। लाख कोशिश की कोंग्रेस ने उसकी हस्ती मिटाने की, पर मिटा नही पायी, न मिटा पाएगी। बस अफसोस के भारत की सरकार ने आज तक उसका 1945 से 1985 का इतिहास हमसे छुपाया ही है। आज 23 जनवरी को उस महान शक्शियत के जन्म दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का अभिवादन करने का अब अवसर दिया। चलो देर आये दुरुस्त आये। अभी सम्पूर्ण न्याय बचा है। ओ उस दिन शायद उन्हें मिलेगा जब भारत सरकार उनकी IB के पास रखी सारी फाइलें सार्वजनिक करेगी। यँहा ये याद रहे, कोंग्रेस सरकार ने कई फाइलें पहले ही गायब की, या अपने पास रख ली है। जैसा के भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उस समय, जब ओ प्रधानमंत्री थे, कहा था। पर जो भी फाइलें आज भी IB के पास ही पड़ी है, ओर जिसे आज भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा,, भारत सरकार को चाहिए के ओ फाइलें भी सार्वजनिक कर दे।

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

विश्व इतिहास में पहली बार?अबु धाबी में बन रहा मंदिर। वीडियो देखें। मोदी है तो मुमकिन है।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस सर्वश्रेष्ठ महामानव

23 जनवरी को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती है। इस पावन पर्व पर इस बार पूरा भारत देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने जा रहा है। हम भारतीयों कोंग्रेसियो ने नेताजी के विषय मे सिर्फ और सिर्फ 1945 तक ही बताया, या पढ़ाया है। पर क्या आप लोग जानते हो 1945 से 1985 तक का जीवन नेता जी ने कैसे गुजारा? में लोगो के कई सवालों के जवाब व्हाट्सएप के माध्यम से कई सालों से दे रहा था। उनके कुछ अंश आपके जानकारी हेतु नीचे डाल रहा हु। यही एक तरीका है, भारत के उस महान, सर्वश्रेष्ठ सपूत के प्रति एक छोटासा योगदान 1) *नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु 18 ऑगस्ट 1945 को हुई ही नही* नेताजी की मृत्यु का सच जानने के लिए कई कमीशन बैठे, पर कोई निर्णय नही,, शाहनवाज कमीशन ,शाहा कमीशन, कोंग्रेस ने बिठाए थे,, जिन्होंने सरकार के हिसाब से रिपोर्ट पेश कर दी थी,, बिना कोई तथ्य के,, जिसे जनता ने नाकारा था। बादमे मुखर्जी कमीशन ने की। जो भारत के बाहर भी गए,, ओर प्लैन क्रैश की कहानी झूठी है ये रिपोर्ट दी। ओर उस कमीशन ने ये कँहा गया है, के, प्लेन क्रैश थेरी झूठी ओर गढ़ी गयी हुयी है। *वजह* 1) जिस प्लेन क्रैश की बात बताई गई और जिस देश मे हादसा हुआ,उसी देश ने अब हमें लिखित में दिया के ,उनके देश मे 18 ऑगस्ट तो क्या 1 ऑगस्ट से 30 सेप्टेंबर 1945 तक कोई प्लैन क्रश हुआ ही नही। 2) उस प्लैन में उस समय जितने भी पैसेंजर बताए गए थे,,ओ सब जीवित बचे थे/ है। 3) जो अस्थिया जापान के अंदर रखी है ओ दरअसल जपान के अधिकार में नही जपान में स्थित हमारे राजदूत के अधिकार में है, ओर रेन्कुजी मंदिर में रखी है,, पर सरकार ने आजतक उसका DNA टेस्ट नही किया। ओर दरअसल ओ अस्थिया एक जापानी सैनिक की है। 4) सुभाषचन्द्र बोस भारत मे आगये थे और गुमनामी का जीवन बिता रहे थे,, जिन्हें लोग भगवानजी या गुमनामी बाबा के नाम से जानते थे ,ओ कभी भी सामने नहीं आये, हमेशा से परदे के पीछे ही रहे, 16 सितंबर 1985 को उनकी मृत्यु हो गयी। -------------------------------- 2) एक कमीशन बिठाया गया था गुमनामी बाबा के मृत्यु के उपरांत के गुमनामी बाबा कौन थे,? ये जानने के लिए। पर ओ कमीशन भी असफल रहा ,बताने में के गुमनामी बाबा कौन थे। पर उस के जज ने बादमे एक इंटरव्यू में कँहा के शतप्रतिशत गुमनामी बाबा, उर्फ भगवानजी ,,ही सुभाषचंद्र बोस थे। पर ये जांच के समय मेने महसूस किया। पर पक्के सबूत की न होने की वजह से,, गुमनामी बाबा के घर से जो भी हजारो चीजे मिली जो अब अयोध्या के जिल्हा ट्रेझरी में रखी है, ओ सब सुभाभचन्द्र बोस की ही है, ये सिद्ध होगया है( ये वही ट्रेझरी है जिसमे राममंदिर के सारे सबूत रखे है,) ------------------/------------- 3) मोदी सरकार ने ओर बंगाल की सरकार ने काफी गोपनीय दस्तावेज 2016 के बाद सार्वजनिक किए पर IB के पास की 77 फाइलें अभी भी सार्वजनिक नहीं कि,, सरकार ने RTI के तहत जवाब दिया के अगर ओ फाइलें सार्वजनिक की तो देश मे ओर दुनिया मे बवाल मच जाएगा ( सरकार इसी लिए ओ अस्थियों का भी DNA टेस्ट नही कर रही) पर लोग अब भी कोशिश कर ही रहे है,, -------------------------------- 4) अगर किसी को मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट चाहिए तो में दे दूंगा। 7 Nov 2007 को जस्टिस मुखर्जी ने अपनी ये रिपोर्ट भारत सरकार को सोप दी, जिसमे उन्होंने ये कँहा 1) *सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु हुई है, मतलब जब ये रिपोर्ट लिखी जा रही तबतक ( यँहा ये याद रहे के उनकी मृत्यु 16 sep 1985 को हुयी)* 2) *पर उनकी मृत्यु प्लेन क्रैश में नही हुयी( जैसा अबतक बताया जा रहा था)* 3) *जापान के रैंकोजी मंदिर में रखी अस्थिया सुभाषचन्द्र बोस की नही है* 4) *निश्चित मृत्यु के पक्के सबूत नहीं है* 5) *सरकार चाहे तो नेताजी के निश्चित मृत्यु के बारे में आगे जांच पड़ताल कर सकती है, क्यो के नेताजी की मृत्यु प्लेन क्रैश में नही हुयी* *ये है सुप्रीमकोर्ट के जज का निर्णय( रिपोर्ट) जो उन्होंने 2007 में जब कोंग्रेस की सरकार थी ,सरकार को सौप दी थी* उसके बाद भारत सरकार को अबतक समय नही मिला, उस इंसान के विषय मे जांच करने का, जिनके वजह से हमे आझादी मिली, जो आझाद भारत का असल मे पहला प्रधानमंत्री ,पहला राष्ट्र्पति ओर पहला भारतीय सेना का उच्चतम कमांडर था -------------------------------- 5) *नेताजी का जन्म 23 January 1897* 1945 से लेकर 16 सप्टेम्बर 1985 मृत्यु की समय तक नेताजी ने गुमनामी में उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों में समय बिताया। हमे पढ़ाया गया के रशिया की सीक्रेट सर्विस केजीबी, ब्रिटेन की एम आई अमेरिका की सीआइए सबसे श्रेष्ठ है, हर चीज का पता लगाने में। पर नेताजी की सीक्रेट सर्वीस उनसे कई आगे रही हमेशा,, नेताजी को जीते जी कोई भी न पकड़ पाए न जान पाए। नेताजी ने अपने कार्यकाल में आझाद हिन्द की स्थापना की, ओर 80000 से 100000 संख्या वाली फ़ौज खड़ी कर दी थी। 1942 से 1943 तक,ओर इनमें अधिकतर ओ भारतीय सैनिक थे जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश आर्मी की तरफ से लड़ते लड़ते विश्व के अलग अलग देशो में, जैसे, फ्रांस, जर्मनी, जापान राशियां में पकड़े गए थे। जिन्हें युद्धबंदी कहा गया था,, नेताजी ने इन्हें जापान जर्मनी के तत्कालीन शाशको से मुक्त कराके , एक विशाल सेना अंग्रेजो के खिलाफ खड़ी कर दी,, जिनका नारा था,, चलो दिल्ली। कई जगह अंग्रेजो को हराकर ये सेना ब्रह्मदेश तक अपनी विजय यात्रा तय कर रही थी, जिसका साथ, जपान- जर्मनी दे रहे थे। नेताजी ने 1943 में आझाद भारत की घोषण कर दी थी, ओर ओ आझाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति, प्रथम प्रधानमंत्री, ओर प्रथम सेना प्रमुख बन गए थे, इस आझाद भारत को विश्व के कई देशों ने मान्यता भी दे दी थी इसि आझाद भारत की, अपनी बैंक भी थी और करंसी भी थी और इसकी अपनी *सीक्रेट सर्विस भी,* ये विशेष है। पर अचानक दूसरे विश्वयुद्ध के रुख 1945 को बदल गया जब अमेरिका ने जापान के दो शहरों ,हिरोशिमा ओर नागासाकी पर बम्ब गिराए ओर तब जापान ने सरेंडर करने की बात कही,,, तब नेताजी को तत्कालीन जपान के प्रधानमंत्री ने बुलाकर उनके बारे में पूछा,, तो नेताजी ने कँहा ,हम सरेंडर नही करेंगे, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे ,पर अब कुछ दिन के लिए हमे भूमिगत होना पड़ेगा। ओर तब जापान की सरकार ने नेताजी की मदत की, प्लेन क्रैश की नकली थ्योरी रची गयी ओर फैलाई गयी। के सुभषचंद्र बोस की मृत्यु हो गयी। पिछले 40 साल अमेरिका, ब्रिटेन और रशिया की सीक्रेट सर्विस खोज करती रही नेताजी की, के पकड़ में आजाये,, पर सब असफल रहे अगर नेहरू की जगह नेताजी को भारत की बागडोर मिलती तो,, न जिन्ना की चलती, न नेहरू की,, ओर न भारत के टुकड़े होते -----------/----------/-/------ 6) कोंग्रेस ने जनता के दबाब में कई इंक्वायरी कमीशन अपने चमचो के अध्यक्षता में बिठाए जिन्होंने भारत मे ही बैठकर रिपोर्ट बनाई और कह दिया के प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को होगयी,, इन सारे कमीशन को जनता ने सिरे से नाकारा ओर कोंग्रेस सरकार ने स्वीकारा पर देश मे तब ज्यादा हंगामा मचा जब गुमनामी बाबा,उर्फ भगवानजी,उर्फ नेताजी सुभाषचन्द बोस की मृत्यु 16 सितंबर 1985 में अयोध्या में हुई, ओर सरकार ने बड़े गोपनीय तरीके से सरयू नदी के घाट पर जल्द बाजी में उनका अन्तिमसंस्कार कर दिया गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी उर्फ नेताजी के कमरे की जब तालाशी ली गयी तब उनके घर से बड़े बड़े 27 बक्से मिले और उसमे नेताजी का सारा सामान 👆👆 मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट 2007 में केंद्र को दी गयी जब फिर कोंग्रेस सरकार थी और शिवराज पाटिल जैसा निक्कमा चमचा गृहमंत्री था ये ओहि शिवराज पाटिल है जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ और कमांडो दिल्ली में प्लेन में सवार होकर बैठे थे तो इसने जानबूझकर 4 घंटे प्लेन को मुम्बई के लिए उड़ाने की इजाजत नहीं दी थी ओर जानबूझकर मुम्बई में ओपरेशन को देरी कर दी थी। इस कोंग्रेस के सरकार ने बिना पढ़े ,शिवराज पाटिल ने मुखर्जी कमीशन को नाकार दिया, *पर भारत की जनता ने इसे स्वीकार किया है* ---------------/--------------- 7) दुनिया की सबसे बड़ी हैंडराइटिंग एजंसी जो भी अमेरिका में CIA के लिए काम करती है, उनके पास 1945 से पहले के सभाषचंद्र बोस के लेटर ओर 1975 के बाद गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी ने लिखे पत्र भेजे गए थे पिछले साल उन्होंने रिपोर्ट दी के दोनों हस्ताक्षर एक ही आदमी के है ये इस न्यूज़ का मतलब है। मुखर्जी कमीशन को अटल बिहारी वाजपेयी ने सुभषचंद्र बोस से सम्भदित लगभग 700 गोपनीय फाइलें दी थी,, ऊपर से ये लिखा था, *कुछ बहुत महत्वपूर्ण फाइलें इंदिरा गाँधी ने अपने घर के आफिस पर ले गयी थी,, जो उन्होंने उनके सचिव महोम्मद यूसफ़ के घर भेजी, जो वापस नहीं आयी* उस फाइलों मेसे एक फाइल में नेहरू के सचिव मथाई का 1954 में नेहरू को लिखा एक पत्र( नोट) भी था जिसमे ओ नेहरू को लिख रहे है,के हम तो पहले ही सुभाषचन्द बोस की अस्थिया लेकर आये, भारत मे,तो,,,?? जस्टिस मनोज मुखर्जी जांच पड़ताल के हेतु ब्रिटेन भी गए थे, नेताजी सुभाष जी की गोपनीय फाइलें देखने,पर तब के तत्कालीन चांसलर लेविन ने कहा ,नेताजी से सम्भदित फाइलें अत्यंत गोपनीय है, ओर ब्रिटेन सरकार ओ सिर्फ 2021 को ही डि-क्लासिफाई करेगी जस्टिस मुखर्जी ने ताइवान ओर ताइहोकू भी विजिट की जंहा प्लेन क्रैश होने का ओर अस्पताल में मौत और वही अन्तिमसंस्कार की थेरी कोंग्रेस ने मानी थी, पर वहां की सरकार ने लिखित में दे दिया उस महीने हमारे देश मे कोई प्लेन क्रैश ही नही हुआ,, ओर जब उन्होंने उस अस्पताल में उस क्रिरियशन मे विजिट की( ओ अस्पताल आज भी है) तो उन्होंने बताया उस महीने में सिर्फ एक ही आदमी मरा था जिसका नाम ओचिरो अंकुरा है जो एक जापानी सैनिक था, ओर उसका ही अन्तिमसंस्कार हुआ था मुखर्जी ने आगे जांच पड़ताल के लिए उस समय के डॉ सरुता को बुलाया ,ओर उनसे पूछा के , आपने सुभाषचंद्र बोस का डेथ सर्टिफिकेट कैसे issu किया ,,तो पहले उसने आनाकानी की फिर जब जस्टिस मुखर्जी ने पूछा के अगर सुभाष की मौत 1945 में हुई तो आपने 1988 को डेथ सार्टिफिकेट कैसे दिया, ओ भी 13 Aug की तारीख डालकर,, उसने कमीशन के सामने तो कुछ भी सफाई नहीं दी,, पर रात में जस्टिस मुखर्जी को होटल में मिलकर कँहा,,, सर उस समय मतलब 1988 में मुझपर आपकी सरकार से बहुत दबाब। डाला गया और एक मोटी रक्कम मुझे दी गयी,, थी,, मैंने उसे स्वीकार कर के,,,, जस्टिस मुखर्जी रशिया भी गए,, पर उस वक्त कोर्लिस नीरो जो असल मे मदत कर सकते थे इस केस में उनका तबादला टर्की के अंकारा शहर में हो गया था,, ओर रशिया ने अपने गोपनीय दस्तावेज दिखाने से मना किया( सरकार के लेवल पर ही ये हो सकता है) कारलोस नीरो वही अधिकारी है जिसने रशिया के अलेक्झण्डर के मिल्ट्री हेड क्वर्टर में गोपनीय दसतावेज पढ़कर ये बयान दिया था के 1946 में *रशिया के प्रमुख स्टॅलिन अपने मिल्ट्री कमांडर से वार्तालाप कर रहे थे के, सुभाषचन्द्र बोस को कँहा रखा जाय* कोर्लिस नीरो 2015 में जब रशिया वापस आये तो डिस्कवरी चैनल वालो ने उनसे पूछा था तो ओ अपने बयान पर कायम है सिर्फ भारत के लोग ही नही रशिया के लोग भी चाहते है भारत सरकार और रशिया सरकार नेताजी सुभाषचंद्र बोस की सत्य जानकारी अब दे दे, सेंट पीटर्सबर्ग में इसी मिशन के तहत एक बड़ा रेस्तरां खोला गया जिसका नाम *🇮🇳 जयहिंद 🇮🇳* है लोग आते जाते एक दूसरे को जयहिंद कहते है वहाँ जिनकी वजह से आझादी मिली ,उनके बारे में भारत की जनता ही जानती नही 15 ऑगस्ट 1945 को जब भारत के आझादी के पेपर पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे तो ब्रिटेन की तरफ से तत्तकालीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लिमेण्ट रिचर्ड एट्ली ने किए थे,, यही एटली ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जस्टिस पीबी चक्रबोर्ती के बीच 1956 में हुई साक्षत्कार में कँहा जब उनको पूछा गया,, के आप ने इतनी जल्दबाजी में भारत को आझादी देना का फैसला क्यो किया, तो उन्होंने कँहा था *सुभाषचन्द बोस की वजह से* तो चक्रवर्ती ने उन्हें दूसरा सवाल पूछा था,, फिर आझादी में महात्मा गाँधी का योगदान? उन्होंने कँहा था झिरो अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा सत्य क्यो कहा?। क्यो डर गयी थी ब्रिटेन की इतनी बलाढ्य सरकार,,, नेताजी से,,,,, आप को ये जानकर शर्मिदंगी होगी के पाकिस्तान ने आझाद हिन्द सेना के सभी सैनिक जो पाकिस्तान चले गए थे पूरे सन्मान के साथ अपनी सेना में भर्ती कर लिया पर नेहरू ने मतलब भारत सरकार ने कभी नही किया। इसमे से एक हबीब उल रेहमान जो पाकिस्तान चला गया था,, सेना में उच्च पद पर गया,, ओर ये वही कमांडर है जिसने POK लेने में पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पर जबतक ये नेताजी के साथ था, ओर भारत विभाजन नही हुआ था,, ये सच्चा सिपाही था,, पाकिस्तान ने इसे कई अवार्ड से नवाजा। पर हमने आझाद हिन्द सेना के सैनिको को बादमे भूखा मरने के लिए छोड़ दिया। नेहरू ब्रिटेन का चमचा बन गया था, PM बनने के चक्कर मे गाँधी 1942 में नेताजी की तरफ झुक गए थे,, इसलिए उन्होंने जीवन मे पहली बार अहिंसा छोड़कर नेताजी का रास्ता अपनाना चाहा, 1942 में भारत छोड़ो, पूर्ण स्वतंत्रता का नारा देकर कँहा था *करो या मरो* का नारा दिया ,,,पर चूंकि उनको एसे आंदोलन का अनुभव नहीं था,, तो अंग्रेजो ने 4 महीने के भीतर ये आंदोलन खत्म करवा दिया,, सारे कांग्रेस के नेताओ को जेल में डाल दिया था,, गाँधी जी को भी 4 महीने के भीतर ये आंदोलन अंग्रेजो ने समाप्त कर दिया। नेहरू जी को, ओर बहोत से कोंग्रेस के नेता को तो जेल में रहने की आदत थी नही। आप इस बात पर गौर करो 1942 के बाद किसी भी कोंग्रेस ने कभी भी न स्वतंत्रता की बात कही, न अंग्रेजो को भारत छोड़ने के लिए कँहा ( देख लो इतिहास के पन्ने 1942- 1947 तक) मेरे खयाल से जेल से ये सब तभी बाहर छोड़े होंगे अंग्रेजो ने जब इनसे शपथ पत्र पर लिख लिया होगा, दोबारा अंग्रेजो के खिलाफ मुँह भी नही खोलेंगे😀 तभी तो इंगलड के प्रधानमंत्री ने 1956 में कँहा,, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में गाँधी का योगदान 0% -------------------------------- 8) में लगातार कई सालों से नेताजी को जानने का प्रयन्त कर रहा था, क्योकि पता नही क्यो बचपन से ओ खून के बून्द बून्द में समा से गये थे,,,, ओर जब में खुद सेना में था तो स्वाभाविक हुआ के भारत के प्रथम सेनाध्यक्ष कहो सेनानायक कहो, महामानव कहो, महाकाल कहो, उस नेताजी के विषय मे जंहा से ज्ञान मिले लेने का प्रयास करता रहा असली ज्ञान सबूतों के साथ मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद, ओर बाकी की जानकारी मोदी सरकार ने PMO कार्यालय में रखी सभी फाइलें डि क्लासिफाइड कर के 2016 में सार्वजनिक कर दी,,,( अभी भी इंटलॉजियन्स बिरों की फाइल, नही खोली जनता के लिए) ओर फिर अचानक मुझे एहसास हुआ क्या मेरे कुछ देशभक्त मित्र, उनके बारे में पूरा तथ्य जानते है? तब मैंने सोचा में कम से कम 15- 20 मित्रो को इससे अवगत करा दु,, तो भी थोड़ा उनके प्रति कुछ योगदान होगा,,, पिछले 35 साल पूरे भारत मे कुछ देशभक्त इस काम मे लगे है, ------///----------------------- 9) ये है विष्णु सहाय कमीशन की पूरी रिपोर्ट गुमनामी बाबा कौन थे, ये पता करने के लिए पर ये नाकामियाब रहे ये पता करने में, की कौन था ये शख्स,, ये है भारत का आज का विज्ञान और शाशन का तंत्र जिस भारत मे एक आदमी पिछले 30 साल से रहा और उसकी मृतु भी होगयी भारत मे ही,, ओ कौन था? इसका पता लगाने में भारत सरकार फेल होगयी?? ये थी उस आदमी की ताकद, जिसने विश्व की सारी सुरक्षा एजेंसी को पसीने छुड़ा दिए,, ओर उसने ये साबित कर दिया के ,, सीबीआई, आइबी, रॉ,, तो क्या,, ओ ,,, *सीआईए,, केजीबी,, मोसाद का भी बाप था* योगी जी का एक समझ नही आया,, ओ भी जानते है के गुमनामी बाबा ही सुभाषचन्द्र बोस थे,, तो उन्हें अबतक केंद्र सरकार को क्यो नही कँहा के इसकी जांच सीबीआइ से हो??? सुशांत के चक्कर मे तो पूरे भारत की एजंसी लगा दी,, फिर गुमनामी बाबा के लिए क्यो नही??? आपको ये भी बता दु अब 2019 से गुमनामी बाबा का मामला फिर तूल पकड़ गया,, क्योकि उनके दांत की DNA रिपोर्ट ही गलत दी गयी ये देश के बड़े बड़े साइंटिस्ट ने साबित कर दिया है,, तो क्या DNA रिपोर्ट देने वाली कलकत्ता ओर हैदराबाद की संस्था 2016 के बाद भी कोंग्रेस या विपक्ष के इशारे पर काम कर रही,,, ओर अब ये DNA रिपोर्ट देने वाली लैब का झूठ सामने आ ही गया, ओर तो ओर अब DNA टेस्ट करने वाली भारत की उच्चतम लैब कह रही है के उससे सम्भदित रिपोर्ट भी गायब है तो up की वर्तमान सरकार और केंद्र की वर्तमान सरकार क्या कर रही है, हमने kgb की जासूस इटली की बारबाला को भारत मे भारत की बहू कर के रखा,,, पर अफसोस है मुझे नेताजी की पत्नी Emilie Schenkl को जिसे भारत माता का संम्मान देना चाहिए था,, उसे भारत भी नही आने दिया साले हरामी नेहरू खानदान --------/------/------------/- चमचे जवाहर ने अपने ब्रिटेन के बाप को याने उस समय के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर ये कँहा था👇 प्रिय एटली मुझे भरोसेमंद स्तोत्रों से ये खबर पता चली है के आपका *युद्ध गुनाहगार सुभाष चन्द्र बोस* को रशिया के स्टॅलिन ने रशिया में आने की इजाजत दी है, रशिया की ये हरकत ब्रिटेन और अमेरिका से किये गए संधि का सरासर भंग है, रशिया की हरकत सरासर गलत है, आपसे अनुरोध है के, उचित कार्यवाही करें आपका चमचा जवाहरलाल नेहरू 😡😡😡😡😡😡😡😡😡 भारत के प्रथम प्रधान मंत्री के नाते पंडित नेहरू का हम सम्मान करते हैं लेकिन क्या 1943 में स्थापित आज़ाद भारत की प्रथम अस्थायी एवं विदेशस्थ सरकार के राष्ट्राध्यक्ष के नाते सुभाष चंद्र बोस को माना जा सकता है ? इस पर विचार होना चाहिए। और आशा की जानी चाहिए कि इतिहास की भूल को सुधार कर संसद में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव लेकर सुभाष चंद्र बोस को भारत की प्रथम अस्थायी एवं विदेशस्थ सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री का स्थान दिया जायेगा। सिंगापुर में ही उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज की एक प्रकार से पुर्नस्थापना की, क्योंकि 1942 में मोहन सिंह द्वारा स्थापित आज़ाद हिन्द फौज उसी वर्ष दिसम्बर में विघटित कर दी गयी थी। अब अनेक ब्रिटिश साम्राज्यवादी सरकारें सुभाष बोस के भारत स्वतंत्र कराने के अभियान को मदद देना चाहती थीं पर उनको इसके लिए आवश्यक था एक ऐसा सरकार का ढांचा जिसे वे मान्यता दे सकें। इसलिए सुभाष बोस ने 21 अक्टूबर को हुकूमत ए आज़ाद हिन्द की स्थापना कर स्वयं उसके राष्ट्राध्यक्ष का पद संभाला। यह भारत की बाहर घोषित भारत की प्रथम स्वतंत्र सरकार थी जिसे ग्यारह देशों ने मान्यता दी- इनमें जर्मनी, इटली, नानकिंग चीन, थाईलैंड, बर्मा, क्रोएशिआ, फिलीपींस, मंचुटो और जापान शामिल थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को मिल रही अंतरराष्ट्रीय सहायता और मान्यता ब्रिटिश सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय थी और भारत को 1947 में मिली आज़ादी का कारण गाँधी जी का अहिंसावादी आंदोलन नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज के बढ़ते कदम थे। 1943 में स्थापित आज़ाद भारत की प्रथम सरकार के राष्ट्राध्यक्ष के नाते भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस हैं और आशा की जानी चाहिए कि इतिहास की भूल को सुधार कर संसद में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव लेकर सुभाष चंद्र बोस को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का स्थान दिया जायेगा। ---------/-----------------/--- 1943 में आज़ाद हिन्द फौज की स्थापना के बाद उनकी सेना ने अंडमान निकोबार द्वीप आज़ाद कराया और उसका नाम शहीद और स्वराज रखा। उसके बाद आज़ाद हिन्द फौज ने मणिपुर में मोइरांग पर कब्ज़ा किया और कोहिमा से दिल्ली की और बढ़ना शुरू किया। 'चलो दिल्ली' का नारा इसी समय दिया गया था। आज भारत की सेना और हर देशभक्त जिस नारे के साथ एक दूसरे का अभिवादन करते हैं उस जय हिन्द का नारा भी सुभाष चंद्र बोस का दिया हुआ है न कि गाँधी के नकली कांग्रेसियों का। प्रसिद्ध इतिहासकार श्री आरसी मजूमदार ने अपने संस्मरणों में 1947 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमण्ट एटली का बयान उद्धृत किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1942 के आंदोलन की असफलता के बावजूद अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र इसलिए किया क्योंकि सुभाष चंद्र बोस के सैन्य अभियान से ब्रिटिश सरकार हिल गयी थी और नौसैनिकों के ब्रिटिश सरकार के खिलाफ होने के संकेत मिल गए थे। गाँधी नहीं, सुभाष थे भारत की आज़ादी के सबसे बड़े कारण। 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री=द्वारा सुभाष बोस द्वारा घोषित भारत की आज़ाद सरकार के 75वीं जयंती के पीछे वस्तुतः तृणमूल कांग्रेस के विद्वान और सुभाष-बोस भक्त नेता श्री सुखेंदु शेखर राय की बड़ी भूमिका है जिन्होंने 10 अगस्त को राज्य सभा में इस मांग को उठाया था और मांग की थी कि प्रधानमंत्री लाल किले से इस दिवस की घोषणा करें और नेताजी संग्रहालय का उद्घाटन इसी दिन करें। इस विषय पर सुधि पाठक जेएनयू के प्रसिद्ध इतिहासकार श्री प्रियदर्शन मुखर्जी की पुस्तक 'नेताजी सुभाष बोस एंड इंडियन लिबरेशन मूवमेंट इन ईस्ट एशिया' का अध्ययन लाभदायक पाएंगे। 21 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री श्री मोदी उसी आरजी-ए- हुकूमत ए आज़ाद हिन्द की स्थापना की 75वीं जयंती लाल किले पर भव्यता से मनाएंगे। सोचिये अगर कांग्रेस का राज होता तो ऐसा हो पाता क्या ? ----------------/-/----------- पूरबी राय ने मुखर्जी कमीशन के दौरान ब्रिटेन में जाकर रिसर्च किया तो उसको एक ब्रिटेन के अधिकारी ने बताया के नेहरू ने ओर हमने ओ आधा आधा ले लिया था, उस समय उसकी कीमत 70,000 करोड़ थी 😡😡😡😡😡😡 कृपया हर वीडियो को हर msg को शांति से देखे, समझे, ओर पढ़े ये ओ इतिहास है जो 70 साल छुपा कर रखा गद्दार कोंग्रेसियो ने में किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थक नही,, पर में कोंग्रेस का बहुत विरोधक हु, ओ इसलिए क्यो के उन्होंने एक सच्चे देशभक्त को बहोत तकलीफ से जीवन जीने के लिए तो बाध्य ही किया पर,, उस देशभक्त का असली इतिहास कभी भी हमारे सामने नहीं आने दिया *अगर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के हात में भारत की बागडोर होती, तो यकीन मानो, भारत हमेशा अंखड भारत ही रहता,, कभी पाकिस्तान , बंगाल हमसे अलग न होता, न कभी भी हिन्दू- मुस्लिम की समस्या होती* न जिन्ना न नेहरू न अब्दुला खानदान का कोई नामो निशान होता,, ओर भारत उसी समय से दुनिया का नम्बर एक देश होता,, बस यही अंग्रेज कभी नही चाहते थे आपको ओर ज्यादा इतिहास की खोज करने पर पता चल जाएगा, के नेहरू, जिन्ना, ओर कश्मीर का अब्दुला खानदान एक ही है,, ओर सोची समझी नीति के तहत इन्होंने हिंदुस्थान को आपस मे बाट लिया, जिन्ना ने पाकिस्तान लिया, अब्दुल्ला ने कश्मीर और, नेहरू ने ये भारत Pkd 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ----------/--------/--------- ये पवित्र मोहन राय के बेटे का इंटरव्यू है जिसने कँहा के उसके पिजाजी ने उसे बता रखा था के भगवानजी ही नेताजी थे। पवित्र मोहन राय नेताजी के जयहिंद सेना के IB के चीफ थे,, उनके बेटे का ये कहना है मेरे पिताजी नेताजी के आदेश का मरते दम तक पालन कर गए,, क्यो के नेताजी ने उन्हें कँहा था, मेरे बारे में किसीको कुछ नही बताना हालके उन्हें फांसी की सजा तक सुनाई गई( पर बादमे उनको छोड़ दिया) तब भी उन्होंने नेताजी के आदेश का ही पालन किया,, ओर किसीको भी नही बताया 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 अयोध्या के लोगो ने नेताजी उर्फ गुमनामी बाबा की समाधि खुद बनायी अफसोस होता है देखकर, जंहा नेहरू को, गांधी ने को, इंदिरा,, राजीव को दिल्ली के महंगे इलाके में कई एकर की जमीन मिली,, वँहा इस देश ने आजतक उस महान आझादी देने वाले शख्श को मरने के बाद भी सन्मान नही दिया जा रहा ये है हमारे भारतीयों की देशभक्ति😡😡😡 देखो देश का ओ महान सपुत्र कँहा चिरनिंद्रा में लेटा है 👇👇👇👇👇👇👇👇 ------/----///---------------- नेताजी का इषु अभी खत्म नहीं हुआ मोदीजी आने के बाद शुरू हुआ अगर मोदी सरकार न आती तो,, ओर कई पीढ़िया मर खप जाती पर उस सच्चे देशभक्त के बारे में पता भी न चलता झूठी प्लेन क्रश थोरी ही हमे पढ़ाई जाती आज भी भारत मे कई लोगो को कुछ भी पता नही कितना दुर्भाग्य है, आप लोग कई व्हाट्सएप ग्रुप में होंगे,, कई फेसबुक पर होंगे,, कई लोग समय समय पर Tv देखते होंगे,,, सच बताओ तो, क्या आपने कभी सभाषचंद्र बोस के बारे में इतनी जानकारी देखी? --------/------/----------/---- DGP उत्तर प्रदेश विक्रम सिंग पूरे प्रूफ के साथ कबूल कर रहे है के गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे ये उस समय मायावती के राज्य में वँहा के DGP थे 👇👇👇👇👇

मंगलवार, 19 जनवरी 2021

क्या व्हाट्सएप को अनइंस्टाल करे? नही, क्यो?

आजकल कुछ लोग व्हाट्सएप के खिलाफ एक मोहिम चला रहे है, 
 किसी के चक्कर मे न आये
 दरअसल गलती तो हमने 1990 में ही कि थी, जो बिना सोचे समझे, बिना ये देखे के संगणक क्या है, क्या है क्या कर सकते है, ,ओर भविष्य में इसके नतीजे क्या होंगे

 व्हाट्स एप्प अपने बिझनेस के लिये ओ ही करने जा रहा है, जो गूगल कई दशकों से करता आरहा है, या फेसबुक, ओर यूट्यूब कर रहा है।
 
 इसमे कोई नयी बात नही है।
 ओर भारत के सामान्य जनता को ये समझना चाहिए के उनके जीवन की प्राइवेसी सच मे क्या है? क्या आप कोई करोड़पति ,अरबपति हो, या सेना के कर्मचारी?
 वैसे भी यँहा ये ज्ञात रहे के आपके हर पल पल की खबर तो पहले सेही गूगल के पास है, ओर गूगल अपने हिसाब से बेच भी रहा है, बस आपको बताया नही कभी,, वही व्हाट्सएप आपको बताकर कर रहा है

 ओर क्या बता रहा है? तो खाली आपकी पसंद या नापसंद,, बस। जो विज्ञापन के लिए इस्तेमाल होती है।
 मतलब जो आपको पसंद है ओ आपको थोपा जाय। यही नेट की दुनिया मे पैसा कमाने का जरिया होता है।

क्या आपसे गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, या फिर व्हाट्सएप कोई पैसे चार्ज करते है कभी? नही,, तो फिर ?  
फिर गूगल के एक सेकंड की कमाई अरबो खरबो में कैसी होती है? काभि सोचा भी है?

अब आपको समझ मे आरहा होगा फ्री फ्री फ्री कुछ नही मिलता जमाने मे।
 न खेजरिवाल न कोंग्रेसी न राष्टवादी, न शिवसेना, न ही ममता ,माया न बीजीपी कोई भी आपको कुछ भी फ्री नही दे सकता न देता है
 आपको इस दुनिया मे कोई भी अपने जेब से कुछ फ्री में बाटता है, न बाट सकता है।

  ये एक बिझनेस की तकनीक है। गूगल, फेस बुक, यूट्यूब  या चाहे ओर  कोई भी हो नेट की दुनिया मे, ओ आप पर नझर रखे है,, हरपल,, पल पल,, 
हम नेट पर या या किसी  भी अप्प पर जो देखते है, करते है उसको ये सब कंपनियां फिल्टर करती है।इंटलीजियन्स बुद्धिमता ये खुद ब खुद कर लेता है। और इसका इस्तेमाल उन कम्पनियों को देता है, ,जो उसके विक्रेता है। और फिर उसका इस्तेमाल कर के आपतक नेट के माध्यम से पहुंचा जाता है। जल्द से जल्द जो पहुचेगा, उसका धंदा होगा।
 न तो व्हाट्सएप न गूगल आपके पासवर्ड ,न बैंक की जानकारी न कोई और बात किसी को बताता है।
  हा अगर आप कोई करोड़पति ,कोई बहुत बड़े नेता,, या बहुत VVIP आदमी हो तो ओ आपकी जानकारी का गलत इस्तेमाल जरूर करेगा।

चलो अब नेट की दुनिया मे ये बात समझने की कोशिश  करते है, 
 
 में यँहा जो भी बताने जा रहा हु, ओ मोबाइल के फोन से संभदित है। पर यही बात 99% कम्प्यूटर भी लागू होती है।

 चलो पहले गूगल से ही समझ लेते है, क्यो की भारत मे ओर लगभग आधी दुनिया मे बिना गूगल के आपका स्मार्टफोन काम ही नही करेगा।  इसलिये हर फोन में गूगल इनबिल्ट ही आता है। आप उसे न हटा सकते है, न अनइंस्टाल कर सकते है।
 क्या आपने काभि जानने की कोशिश की के गूगल को आपने कितनी परमिशन दे रखी है?
लगभग 50 से ज्यादा।
 ओर आप न भी देंगे तब भी गूगल के पास ये स्टोर रहती ही है।
 आपके फिगर प्रिंट से लेकर आपके बॉडी का तापमान, आपके दिल में के दिल की धड़कन, ओर आप के एक एक पल के लोकेशन की जानकारी,, ये सब गूगल के पास है। 
पर इससे क्या आपको आजतक कोई प्रोब्लम गूगल की तरफ से हुआ है? 
  यूट्यूब चैनल से पूरी दुनिया मे लोग लाखो ओर करोड़ो रूपये अपने वीडियो द्वारा कमा रहे है। कौन देता है ये पैसा ? यूट्यूब एक रुपया भी नही देता। ये पैसा आपको गूगल दे रहा है। क्यो? क्यो के यूट्यूब पर आने वाली हर ad गूगल की तरफ से है, जिनसे ओ अरबो खरबो रुपये एक मिनिट में कमाता है, ओर उसमे से थोड़ा आप लोगो को बाटता है।

अब आते है, सिग्नल टेलीग्राफ,  या अन्य कोई भी ऐप,, ओ भी यही करते है और करते रंहेगे।
 ओर ये सब भी विदेशी ही है।
 तुम हम कुछ नही कर सकते इस नेट की दुनिया मे।
 हा अब भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत या मकिंगइण्डिया की तहत स्वदेशी ऐप पर आरही है, ओर सबसे बड़ा काम ये कर रही है मोदी सरकार के अब सभी एप्प वालो के सरवर भारत मे ही रखने के लिए उनको मजबूर कर रही है। ताकी हमारी जानकारी बाहर न जाये।
 पिछले 30- 40 साल से जो जानकारी बाहर चली गयी,, सो चली गयी,, चाहे चीन के पास

 ओर एक बात अगर कोई चीन जैसा देश अपने मोबाइल फोन में कोई छोटी सी चिप डालकर भी आपकी सारी जानकारी चुरा सकता है।

  इसलिए व्हाट्सएप न अनइंस्टालकरे, न ज्यादया घबराए।

 ओर एक बात अमेरिका में केस चल रहा है, गूगल पर भी के इसका ओर इसकी दुश्मन कंपनी फेसबुक की अंदर से मिली भगत है।🤣

नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्मदिन 23 जनवरी पराक्रम दिन पूरे भारत मे ओर विदेश में मनाए

 डेस्क: केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए अब हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। बता दें कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन होता है। केंद्र ने आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले यह ऐलान किया है। अब हर साल नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस बार नेताजी की 125वीं जयंती को भव्य रूप से मनाने का फैसला लिया है, इसे लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अगवाई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
  नेताजी सुभाषचंद्र बोस आझाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सेना के प्रथम सुप्रीम कमांडर है। ओर जिनके बारे में ब्रिटेन के प्रधान मंत्री  अंडमेन्ट एटलीने खुद कबूल किया था के नेताजी सुभाषचन्द्र की वजह से हमे भारत छोड़ना पड़ा था और भारत को आझाद करना पड़ा था, आगे ये भी  कँहा था, भारत को आझाद करने में गाँधी का  योगदान न के बराबर है।
 सभी भारतीयों से चाहे ओ विदेश में रह रहे हो, 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में हर स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, प्राइवेट कार्यलय ,गल्ली ,मोहल्ले में, घर पर, सड़क पर हर जगह मनाए।

मोदी काभि भूलता नही


मोदी न भूलता है न भूलने देता है

 कुछ दिन से एक घटना विश्व के पटल पर हैडलाइन बनी है
 शुक्रवार याने नमाज वाले दिन पाकिस्थान के एयरवेज के एक प्लेन को मुस्लिम देश मलेशिया ने जब्त कर लिया है, बड़ी बेइज्जती के साथ, क्योकि पाकिस्थान ने भाड़ा नही दिया था।

 क्या है ये मामला?

आओ जानते है।

 सऊदी में स्थित एक भारतीय कंपनी है, जो बोइंग से प्लेन खरीदकर कई देशों की सरकार को लीज पर देने का काम करती है,, ये प्लेन उसी कंपनी का है।🤣

 पर मलेशिया एक मुस्लिम देश होकर उसने पाकिस्थान की एयरवेज का प्लेन ओ भी जुम्मे के दिन ,पूरे पैसेंजर को क्वालालंपुर में ही उतारकर ,पायलट को ओर  विमान के स्टाफ को उतारकर, इतनी बेइज्जती कर के ये क्यो किया होगा? 🤣

 इसकी वजह है ,मालिशिया की गिरती अर्थव्यवस्था।

 याद है न?  ये वही मालिशिया है, जिसने 5 अगस्त 2019 को 370 हटाने पर पाकिस्थान का साथ दिया था। 🤣

तबसे भारत ने इसके पामओइल पर बैन लगा रखा है, जो कि मालिशिया की  38% अर्थव्यवस्था है। और पाकिस्तान के साथ साथ मलेशिया भी कंगाल बनने की कागार पर पहुँच चुका है। तो अब ठिकाने आने की कोशिश कर रहा है। मोदी ने एक तीर में दो निशाने लगा दिए। 🤣

 अब दूसरी खबर पर आते है, टर्की ने रशिया से यस 400 खरीदे, तो अमेरिका ने टर्की को धमकी दे दी,
तो अब टर्की ने माफी मांग ली, ओर इस डील को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
 भारत ने भी खरीदे ,तो जरासा अमेरिका ने भारत को कुछ कहना चाहा, तो भारत के विदेश मंत्रालय ने दो टूक कह दिया ,कोई देश भारत को ज्ञान न बाटे।🤣
 दूसरे दिन अमेरिका का बयान आया,, भारत को छूठ है।

 ये है पवार 56 इंच की, चमचो


English

Modi neither forgets nor lets forget

  For some days, an incident has been made on the headline of the world.
  A plane of Pakistan's Airways has been confiscated by the Muslim country of Malaysia on Friday, the day of prayer, Namaj, with great disrespect, as Pakistanis did not pay the fare.

  What is the matter?

 Let's know.

  There is an Indian company based in Saudi, which purchases planes from Boeing and leases them to the government of many countries, the plane belongs to the same company.

  But why would Malaysia, being a Muslim country, have done this by taking off the entire passenger in Kuala Lumpur on the day of Jumma, the airways of Pakistan, by disrespecting the pilot and the staff of the aircraft?  

  This is due to the declining economy of the maleshiya.

  Do you remember?  This is the same maleshiya, who sided with Pakistan on the removal of 370 on 5 August 2019.  

 Since then India has banned its PalmOil, which is 38% of Malasia's economy.  And along with Pakistan, Malaysia has also reached the verge of becoming a pauper.  So now trying to come to the hideout.  Modi shot two targets with one stone.  

  Now come to the second news, Turkey bought S 400 from Russia, then America threatened Turkey,
 So now the turkey apologized, and put this deal in cold storage.

  India also bought, just like tarki,,, America wanted to tell India samething, then India's foreign ministry said bluntly, no country should interfare in india's  defence deal
  America's statement came the other day, India can  go with deal.

  This is Pawar, 56 inches chest

सोमवार, 18 जनवरी 2021

अयोध्या राममंदिर के निर्माण में योगदान कैसे करे,,, देखे

सारी सृष्टि ही जिसकी इच्छा से चलायमान है उनको हम क्या निधि दे देंगे...? 15 जनवरी से रामदूत आपके दरवाजे पर आएंगे,उन्हें रुपये भले 10 ही दे देना लेकिन सम्मान पूरा देना... क्योंकि इस अभियान के पीछे सैकड़ों साल का संघर्ष है और तब का है जब भाजपा -कांग्रेस और आरएसएस भी नहीं थे... इसलिए रामभक्तों का सम्मान राजनैतिक द्वेष से ऊपर उठकर करना और बताना अपने बच्चों को कि- कैसे बहुसंख्यक होकर भी हमने 500 साल इंतजार किया, प्राण आहुतियां दीं अपने आराध्य प्रभु श्री राम के लिए उनकी जन्मभूमि पाने को ।

आढ़तियों के आंदोलन के लिए पाकिस्थान को अपील

रविवार, 17 जनवरी 2021

आढ़तियों का आंदोलन भाग 9

पिछले 50 दिन से पंजाब के आढ़तिये जो बैठे है दिल्ली को घेर कर उन सबको दशकों पहले भारत के महान देशभक्त, स्वदेशी के जन्मदाता, श्री राजीव दीक्षित का ये वीडियो एक बार जरूर देखना चाहिए, बरसो से किसान के भले की यही बात भारत सरकार ने( मोदी कंहूँगा तो कई यो के पिछवाड़े आग लग जाती है) पूरी की है। भारत के किसानों को बरसो से चले आरहे आढ़तियों ओर अन्य नेता के गुलामी से मुक्ति के लिए कानून बना दिये है। और इसीलिए भारत के सभी राज्यो के किसानों को कोई प्रॉब्लम नही है।

धर्म और मजहब में का फ़र्क दर्शाता वीडियो

भारतीय संस्कृति क्या है? धर्म और अधर्म क्या है?

हर भारतीय के रोंगटे खड़ी करने वाली 3 मिनट की फ़िल्म

अयोध्या राम मंदिर का 500 साल का इतिहास दर्शाती छोटीसी फ़िल्म। जरूर देखें

शनिवार, 16 जनवरी 2021

स्वदेशी ड्रोन की झलक आर्मी डे पर

भारत मे मेकिंग इंडिया के तहत सम्पूर्ण भारतीय टेक्नोलॉजी से बने लड़ाकू ड्रोन का सेना दिवस पर प्रत्याक्षिक बताया। ये ड्रोन आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी मिशन के तहत पूर्ण स्वदेशी है। ये एक साथ 50-100 की तादात में भेजे जा सकते है दुश्मन के इलाके में ,जिनको मार गिराने की क्षमता न पाकिस्थान में है ,न चीन, में, क्यो की इनकी लागत बहोत कम होती है, ओर ये मानव रहित होते है, ओर बहुत संख्या में होते है, इसको मारने के लिए करोड़ो,-अरबो की मिसाइल इस्तेमाल कर के भी कोई फायदा नहीं होता, क्यो की मिसाइल इतने सारे ड्रोन को लक्ष ही नही कर सकती, ओर ये अपने टारगेट को बर्बाद कर के ही रखते है। ये है 2014 के बाद का भारत, यही वजह है पिछले एक साल से इच्छा होते हुए भी चीन और पाकिस्तान दोनो मिलकर भी भारत पर हमला करने की हिम्मत नही जुटा पारहे है। क्यो की चीन अब जान गया है, ये मोदी है ,जो 1962 का बदला लेने की फिराक में है🤣 3-4 दिन पहले मोदी सरकार ने 48000 करोड़ का सौदा अपने ही भारत के कंपनियों से कर के 83 तेजस फायटर जेट भारतीय वायुसेना के लिए खरीदने का आर्डर दे दिया है। आपको ये जानकर ताज्जुब होगा तेजस फायटर जेट 1980 के दशक में भारतीय वायुसेना में आने थे, पर तत्कालीन कोंग्रेस की सरकार ने काभि भारतीय कंपनियों को रिसर्च और डेवेल्पमेंट के लये पैसा नही दिया। कोंग्रेस की नीति ही ये रही के बाहर से चीजे खरीदो ओर दलाली के जरिये कालाधन कमाओ जब 2014 में मोदी सरकार आयी तब ये प्रोजेक्ट पूरे जोर से शुरू किया गया और 2016 में पहली तेजस के 16 प्लेन को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। अब भविष्य में भारतीय वायुसेना अपने 45- 50 स्क्वाडर्न तैयार कर पायेगी। यँहा ये ज्ञात रहे कोंग्रेस सरकार के कार्यकाल में ये स्क्वाडर्न की संख्या घटकर 30-32 पर आगयी थी। मुझे 2013 का ओ वीडियो आज भी याद है, जब कोंग्रेस सरकार के संरक्षण मंत्री एंटोनी ने कँहा था, प्लेन की बात तो बहुत दूर सरकार के पास बंदूक खरीदने के भी पैसे नहीं।😡😡 उसी भारत सरकार ने 2016 में अरबो रुपये की डील कर भारतीय वायुसेना के लिए राफेल खरीदे। 2014 से लेकर 2020 तक जितने अस्र- शस्र मोदी सरकार ने भारत के तीनों सेना के लिए खरीदे उतने पिछले 70 साल में नही खरीदे थे। बॉर्डर पर पुलों का रोड का, जाल भी जो पिछले 6 साल में बनाया गया ओ भी पिछले 70 साल,में बने जाल से, 100गुना ज्यादा है। इसीतरह भारत एक सशक्त राजनेता के हाथ मे रहे तो ओ दिन दूर नहीं जब हम विश्व के सर्वशक्तिमान देश होने का गौरव प्राप्त कर लेंगे। English In India, under the Making India project,the completed Indian Dron was shown on Army Day. These drones are fully indigenous under the Swadeshi Mission of India, These can be sent simultaneously in 50-100 numbers in enemy's territory, enemy doesn't have capability to hit them . Neither Pakistan, nor China, because they cost a lot less, and they are unmanned, and expenses is more a lot of crores to kill them - there is no use even by using an missile, to shoot them because the missile cannot target so many drones, at a time,and they keep destroying their targets. This is India after 2014, this is the reason why despite the desire for the last one year, both China and Pakistan together have not dared to attack India. China has come to know now, this is Modi, who is, just waiting for chance to take,revenge for 1962🤣 3-4 days ago, the Modi government has ordered a 48000 crore deal to buy 83 Tejas fighter jets for Indian Air Force from companies in India. You would be surprised to know that the Tejas fighter jet was to come in the Indian Air Force in the 1980s, but the then Congress government did not give money to the Indian companies for research and development. The policy of Congress is that buy things from outside and earn black money through brokerage When the Modi government came in 2014, this project was launched in full swing and in 2016, 16 planes of the first Tejas were inducted into the Indian Air Force. Now in future, the Indian Air Force will be able to prepare its own 45–50 squadrons. Here it was known that during the tenure of the Congress government, the number of these squads was reduced to 30-32. I still remember the video of 2013, when Antony, the Defence minister of the Congress government, said, the government does not even have the money to buy guns, far away from the plane. In 2016, the Government of India bought Rafale for the Indian Air Force by spending Arbo rupees in 2016. From 2014 to 2020, the number of arms purchased by the Modi government is, equal to what was purchased during the last 70 years The road network and bridges on the border, which was constructed in the last 6 years, is also 100 times more than the made in the last 70 years. Similarly, if India remains in the hands of a strong politician, then the day is not far when we will get the distinction of being the almighty country of the world.

शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

आरएसएस की प्राथना का हिंदी अर्थ

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 *RSS की प्रार्थना का हिन्दी में* *अनुवाद ...*

*पढ़ो और सोचो*
 कि *राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ* की *भारत  माता* के प्रति भावना क्या है संघ की शाखाओं में केवल *भारत महिमा* ही सिखाया जाता है जिसका स्पष्टीकरण यह संघ प्रार्थना करती है::---

1)नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे, त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोsहम्।

 *हे प्यार करने वाली मातृभूमि! मैं तुझे सदा (सदैव) नमस्कार करता हूँ। तूने मेरा सुख से पालन-पोषण किया है।* 

2)महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे, पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।। १।।

हे *महामंगलमयी पुण्यभूमि! तेरे ही कार्य में मेरा यह शरीर अर्पण हो। मैं तुझे बारम्बार नमस्कार करता हूँ।* 

3)प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता, इमे सादरं त्वाम नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं, शुभामाशिषम देहि तत्पूर्तये।

 *हे सर्वशक्तिशाली परमेश्वर! हम हिन्दूराष्ट्र के सुपुत्र तुझे आदरसहित प्रणाम करते है। तेरे ही कार्य के लिए हमने अपनी कमर कसी है। उसकी* *पूर्ति के लिए हमें अपना शुभाशीर्वाद दे।* 

4)अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम, सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्,
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं, स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्।। २।।

 *हे प्रभु! हमें ऐसी शक्ति दे, जिसे विश्व में कभी कोई चुनौती न दे सके, ऐसा शुद्ध चारित्र्य दे जिसके समक्ष सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हो जाये ऐसा ज्ञान दे कि स्वयं* *के द्वारा स्वीकृत किया गया यह कंटकाकीर्ण मार्ग सुगम हो जाये।* 

5)समुत्कर्षनिःश्रेयसस्यैकमुग्रं, परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा, हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राsनिशम्।

 *उग्र वीरव्रती की भावना हम में उत्स्फूर्त होती रहे जो उच्चतम आध्यात्मिक सुख एवं महानतम ऐहिक समृद्धि प्राप्त करने का एकमेव श्रेष्ठतम* *साधन है। तीव्र एवं अखंड ध्येयनिष्ठा हमारे अंतःकरणों में सदैव जागती रहे।* 

6)विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्।। ३।। ।। भारत माता की जय।।

 *तेरी कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को वैभव के उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में समर्थ हो।* 
 *भारत माता की जय।..* 

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

गुरुवार, 14 जनवरी 2021

चीन ने WHO के लोगो को किया क्वारण्टाइन

क्या चीन में शिवसेना+ राष्ट्रवादी+ कोंग्रेस की सरकार है??? WHO सालभर से चीन में आकर करोणा का सच जानने के लिए जांच करने की बात कर रहा था,, बड़ी मुश्किल से चीन ने इजाजत दी तब 14 वैज्ञानिक की एक टीम को आने की इजाजत चीन ने दी वुहान को कई महीने से करोणा मुक्त घोषित किया था, चीन ने, कल तक पूरा शहर खुला था, पर जैसे ही WHO की टीम हुआंन पहुची तो पाया के पूरे शहर को लॉक डॉउन कर रखा है, पूरे शहर में लोगो को घर मे बंद कर दिया, ओर ऊपर से WHO के सारे विज्ञानिक को 14 दिन के लिए क्वारण्टाइन कर दिया *ठीक उसी तरह, जब शिवसेना ने UP के पुलिस अधिकारी को, ओर CBI के लोगो को किया था तो क्या ट्रम्प ओर पूरा विश्व सही कह रहे थे? के करोणा चीन का एक बड़ा हथियार है जो विश्व को बर्बाद करने के लिए था,? क्या सच मे चीन में इसी करोणा के गलती से चीन मेंही फैलने से 2 करोड़ लोग मरे गए थे, ओर अब भी मर रहे है? क्या है ऐसा, जो चीन पूरे विश्व से छुपाना चाहता है? मुझे लगता है WHO को चाहिए था, के चीन में इसकी जांच पड़ताल के लिए भारत के मशहूर ये 14 वैज्ञानिकभेजने चाहिए थे। 1) राहुल खान(पप्पू) 2) संजय पावुत 3)उडव ठाकरे 4)अरविंद खेजरिवाल 5) ममता खान 6)अखिलेश साइकिलवाला 7) मायावती हाथिवाली 8) हैदराबाद के वैज्ञानिक ओवेसी 9)महाराष्ट्र के 80 साल के चाचा 10) कश्मीर के फारुख अब्दुल 11) कश्मीर की महबूबा 12) चारा के वैज्ञानिक लालू चाचा 13) इटली की सोनिया खान 14) कपिल टिबल अगर इन वैज्ञानिक को भेजता WHO तो, शायद चीन का करोणा का पता चले या न चले,, भारत का करोणा- कैंसर तो खत्म हो जाता। English Is there a Shiv Sena + Nationalist + Congress government in China ??? The WHO had been planing to go to China since one year and takeing about the investigation to know the truth of Karona China allowed with great difficulty and China then allowed a team of 14 scientists to come Wuhan China opened the entire city till yesterday, but as soon as the WHO team reached Huan, found that the entire city has been locked down, locking people all over the city at home. As soon as 14 team of WHO , reached today at wuhan Airport , china govt, quarantined all WHO scientists for 14 days same exactly as, when Shiv Sena do with UP police officer, and CBI officer So were Trump and the whole world right? Karona is a great weapon of China which was to ruin the world? Did 20 million people die because of this same mistake in China, and are still dying? What is it that China wants to hide from the whole world? I think WHO should have sent 14 famous scientists from India to investigate this in China. 1) Rahul Khan (Pappu) 2) Sanjay Pavut 3) Uddav Thackeray 4) Arvind Khejriwal 5) Mamta Khan 6) Akhilesh Cyclawala 7) Mayawati Hathiwali 8) Owaisi, Scientist of Hyderabad 9) 80 year old uncle of Maharashtra 10) Farooq Abdul of Kashmir 11) Mehbooba of Kashmir 12) Fodder scientist Lalu Chacha 13) Sonia Khan of Italy 14) Kapil Tibal If WHO sends these scientists, then perhaps the cause of China may or may not be known, India's cause - Carona- cancer would have ended.

मकिंग इण्डिया के तहत कैंसर पर भारत की बड़ी उपलाब्दी

बुधवार, 13 जनवरी 2021

14 जनवरी इतिहास के पन्नो से

लाख की चूड़ियाँ टूट गईं, दो मोती गिर गए, 27 टुकड़े हो गए और चिल्लखुरदा कितना गया ...

 इसीलिए आज तिल हमें मीठा नहीं लगता,
 यही वजह है कि हमारी माताएं संक्रांति जैसे बड़े त्योहारों पर काले कपड़े पहनती हैं ...
 आज पानीपत की लड़ाई की 259 वीं वर्षगांठ है, जो भारतीय इतिहास में अमर है।
 मावलों ने अहमद शाह अब्दाली की विशाल सेना के खिलाफ संघर्ष किया।
 हजारों मराठा वीर योद्धा स्वराज्य और स्वधर्म के बचाव में आए।
 हम 14 जनवरी, 1761 को कभी नहीं भूलेंगे।
 पानीपत .....

 डेढ़ लाख, मराठी लोगों की तीन पीढ़ियों को एक दिन में एक ही स्थान पर मार दिया गया था।
 खड़ा मराठा कट गया।  इस दिन को सचमुच काले दिन के रूप में दर्ज किया गया था।
 Phrase पानीपत बनने ’का मुहावरा भी जड़ जमा लिया।
 युद्ध!

 युद्ध को विजय या पराजय कहा जाता है।  क्या पानीपत मराठों की सबसे बड़ी हार थी?
 मराठों की सेना काट दी गई, तो क्या गार्डस जीत गए और मराठा हार गए?

 इस युद्ध के बाद क्या हुआ?
 यह खैबर दर्रे का आखिरी हमला था।
 मराठों की तीन पीढ़ियाँ बीत चुकी हैं, लेकिन गणों की रीढ़ टूट गई है!  सदियों से चली आ रही परंपरा एक बार टूट गई।
 अब्दाली का कॉलरबोन टूट गया था और इसलिए उसका भाग्य बदल गया था।
 घर जाकर उसकी मौत हो गई।
 फिर अल्लाह हु अकबर का रोना कण्ठ से नहीं निकला।
 आर्यावर्त को फिर से उस सुल्तान के हमले का सामना नहीं करना पड़ा।
 यही हम इस युद्ध में हासिल करना चाहते थे!
 हासिल!
 जहां हार हुई!

 पानीपत देश के लिए मराठों द्वारा किया गया सबसे अच्छा बलिदान था।  बलिदान देशभक्ति है।
 फिर, किसी को भी देशभक्ति के सबूत के लिए मराठों से नहीं पूछना चाहिए!
 मराठा अकेले लड़े!
 दत्ताजी के मराठा, जिन्होंने कहा कि वह जीवित रहेंगे और और भी लड़ेंगे, भूखे पेट और प्यासे होंठों के साथ अकेले लड़े।  राजपूत, जाट, कोई नहीं आया!  अब्दाली एक बार काम करेगा लेकिन मार्था नहीं!
 हर कोई एक के रूप में नहीं लड़ा,

 # मराठा_इकाकी_पडला,
 # बट_दला,
 # नादला_और_तो_भिडला !!!!

 पानीपत है जाज्वल्य अभिमान!
 उच्चतम कार्यक्षमता!
 महाराष्ट्र ने पंजाब और सिंध की मिट्टी में सर्वोच्च देशभक्ति की एक अमिट छाप छोड़ी है, जिसकी मिट्टी में देशभक्ति बढ़ने के लिए कहा जाता है, इसका नाम पानीपत है!
 मराठा अकेले क्यों पड़े ??

 आपने खुद पर विश्वास क्यों खो दिया ??
 क्यों उसने एक अजनबी से ज्यादा तुम्हें पराया महसूस किया ??

 इस सवाल का जवाब आज मिल जाना चाहिए!
 अगर महाराष्ट्र इस देश का नेतृत्व करना चाहता है, तो हमें देश का विश्वास अर्जित करना होगा।  सभी देशों में सम्मान अर्जित किया जाना चाहिए !!
 पानीपत का मतलब है दूसरों पर जीत, और तुमसे हार !!
 अपने ही लोगों में असहमति, अपने ही लोगों में अविश्वास और अपना बहुत बड़ा आघात !!
 इस अर्थ में, पानीपत एक शिक्षण है !!
 और एक बात आपने गौर की होगी।
 हम इसे लड़ाई नहीं कहते,
 हे युद्ध !!
 महाभारत के समान
 जरूरी !!
 मराठों द्वारा घोषित वीरता की गाथा,
 आपका गौरव, आपकी देशभक्ति, आपका बलिदान,
 जिस पर हर मराठा को गर्व होना चाहिए,
 आपको इसे बिना थके देश और दुनिया को बताना चाहिए!
 क्योंकि पानीपत मेरे राष्ट्र का रोना है!
 एक दावत खत्म हो गई है!
 आक्रामकता का
 इतिहासकारों की भाषा में,
 मध्य युग समाप्त हो गया और
 आधुनिक इतिहास शुरू हुआ,
 उस दिन ...

 14 जनवरी, 1761!
 पानीपत!

 आइए उन वीर मराठों की शहादत के आगे झुकें ...
 हमें अपने पूर्वजों पर बहुत गर्व है
      पानीपत की लड़ाई के शहीदों को…।
                       शतश: नमन
 English
Lakh bangles broke, two pearls fell, 27 pieces were lost and how much went to Chillarkhurda ...

 That's why sesame doesn't taste sweet to us today,
 This is the reason why our mothers wear black clothes on big festivals like Sankranti ...
 Today marks the 259th anniversary of the Battle of Panipat, which is immortal in Indian history.
 The Mavals fought valiantly against the huge army of Ahmad Shah Abdali.
 Thousands of Maratha heroic warriors came to the rescue of Swarajya and Swadharma.
 We will never forget January 14, 1761.
 Panipat .....

 One and a half lakh, three generations of Marathi people were killed in one place in one day.
 The standing Maratha was cut off.  This day was literally recorded as a black day.
 The phrase 'becoming Panipat' also took root.
 War!

 War is said to result in victory or defeat.  Was Panipat the biggest defeat of the Marathas?
 The army of Marathas was cut off, so did the Gardas win and the Marathas lose?

 What happened after this war?
 It was the last attack from Khyber Pass.
 Three generations of Marathas have passed, but the backbone of the Ganimas has been broken!  The tradition of centuries stopped in one fell swoop.
 Abdali's collarbone was broken and so was his fortune.
 Going home, he died.
 Again the cries of Allah Hu Akbar did not come from across the gorge.
 Aryavarta did not have to face the attack of that sultan again.
 This is what we wanted to achieve in this war!
 Achieved!
 Where the defeat took place!

 Panipat was the best sacrifice made by the Marathas for the country.  Sacrifice is patriotism.
 Again, no one should ask Marathas for proof of patriotism!
 Marathas fought alone!
 Dattaji's Marathas, who said he would survive and fight even more, fought alone with hungry stomachs and thirsty lips.  Rajputs, Jats, no one came!  Abdali will work once but not Marhate!
 Not everyone fought as one,

 #Maratha_Ekaki_Padla,
 #But_adla,
 #Nadla_and_thet_bhidla !!!!

 Panipat is Jajwalya Abhimaan!
 Highest functionality!
 Maharashtra has made an indelible impression of supreme patriotism in the soil of Punjab and Sindh, in whose soil patriotism is said to grow, its name is Panipat!
 Why did Maratha fall alone ??

 Why did you lose faith in yourself ??
 Why did he feel more alien to you than a stranger ??

 The answer to this question must be found today!
 If Maharashtra wants to lead this country, then we have to earn the trust of the country.  Respect should be earned in all countries !!
 Panipat means victory over others, and defeat from you !!
 Disagreement among our own people, distrust among our own people and its a huge blow !!
 In this sense, Panipat is a teaching !!
 And one thing you may have noticed.
 We don't call it a battle,
 Hey War !!
 Same as Mahabharata
 Important !!
 The saga of heroism proclaimed by the Marathas,
 Your pride, your patriotism, your sacrifice,
 Which every Maratha should be proud of,
 You should tell it to the country and the world without getting tired!
 Because Panipat is the cry of my nation!
 A feast is over!
 Of aggression, of dancing, of rape
 In the language of historians,
 The Middle Ages ended and
 Modern history began,
 That day ...

 January 14, 1761!
 Panipat!

 Let's bow before the martyrdom of those brave Marathas ...
 We are very proud of our ancestors
      To the martyrs of the battle of Panipat ....
                       Shatash: Naman
                  

आढ़तियों का आंदोलन 8

2014 के बाद देश सच मे जाग गया है, आत्मा से क्या धोया भाई ने सबको?

मंगलवार, 12 जनवरी 2021

आढ़तियों का आंदोलन भाग 7

आज सुप्रीम कोर्ट ने आढ़तियों के आंदोलन की हवा निकाल दी।🤣🤪

 में पिछले कई दिन से लिख रहा था, के ये आंदोलन बीजेपी के पिच पर खेला जा रहा है, ओर इसमे विपक्ष ओर देशविरोधी ताकते फस गयी है।

  *शुरू से पप्पू ओर पंजाब के आढ़तिये ओर पूरा विपक्ष एक ही रट लगाये, बैठा था, के पहले किसान बिल वापस लो, तो हम बात करेंगे, या फिर तभी हटेंगे।*

 बस यही से गलत की शुरुवात हो गयी थी।

 किसान बिल संसद से पास होकर आया जो के संविंधान में सरवोच्च है। संसद का काम ही है के बिल या कानून बनाना।
 ओर जब ओ कानून पास हो जाये तो ,आप महज रोड पर धरने देकर उसे वापस नहीं करवा सकते। आपको बताना ही होगा के उसमे क्या खराबी है। उसमे जनता का या किसानों का क्या नुकसान होने वाला है?  अगर आप रोड पर बैठकर गुंडे की भाष्या करोगे तो ये भारत है, कोई ,मुस्लिम देश सीरिया नही।😡
 
भारत सरकार बार बार कह रही थी के इस बिल में ऐसा क्या है, जिससे भारत के किसानों का  फ़ायद्या होने की जगह नुकसान होने वाला है? पर रोड पर बैठे पप्पू, आढ़तिये, विरोधी मानसिकता वाले इस बार पर ही अड़े रहे के, इसमे खराबी हो या न हो, सरकार कानून वापस ले, क्यो की हम कहते है🤣

 जँहा एक ओर भारत के सभी राज्यो के किसान इस किसान बिल के पक्ष में खड़े नजर आरहे थे, वही महज कोंग्रेस राज्य पंजाब और राजस्थान के आढ़तिये,, समस्या पैदा कर रहे थे। और कुछ नालायक लोग सोशल मीडिया पर उन्हें उकसा रहे थे। पर कोई भी ये नही बता रहा था, के किसान बिल में क्या कमी है?

 दूसरी तरफ सरकार बार बार कह रही थी, के आओ चर्चा करो, ओर बताओ तो सही के, इसमे ये, कमी है।  सरकार कह रही थी बार बार के अगर आप बिल की त्रुटियां बताओगे तो हम बिल में सुधार कर देंगे। पर न तो ये बात विरोधीनेता को समझ मे आरही थी, न आढ़तियों को, न सोशल मीडिया  के उन ज्ञानियों को जो इस आंदोलन को हवा दे रहे थे।

  सुप्रीम कोर्ट कोई भी कानून को रद्द करने की क्षमता तबतक नही रखता, जबतक कोर्ट के सामने ये साबित न हो, के इस कानून से भारतीय संविंधान के अनुसार जनता  के मूलभूत अधिकार को क्षति पहुचायी जा रही है। और इस कानून के तहत तो देश का बच्चा बच्चा भी बताएगा, के इसमे किसी के मूलभूत अधिकार को कोई क्षति नही।

 पहले शाहीनबाग का आंदोलन चला, ओर सब देशद्रोही मजहबी, नंगे हो गए देश के सामने। अब भी वही हुआ, सारे विरोधी, आढ़तिये, भड़कावू लोग, छुटफुट नेता जो हमेशा देशको अस्थिर करने की कोशिश में रहते है, पूरे देश के सामने नंगे हो गए है? और यही बीजेपी चाहती थी। इसलिए में शुरू से कह रहा के ये आंदोलन बीजेपी की पिच पर खेला जा रहा है🤣

 अब आज सुप्रीम कोर्ट ने कौनसी नयी बात कह दी? उन्होंने भी सरकार की तरह ही तो कहा है,, आओ  2 महीने चर्चा करते है,ओर अब हम,याने सुप्रीम कोर्ट ने स्थापित 4 लोगो की समिति के सामने बताओ, बताना ही होगा, के इस बिल मे क्या खराबी है जो किसानों के विरोध मे है,,, ?

 ओर होगा भी वही अगर बिल में कोई सुधार की आवश्यकता है तो उसे बिल में सुधार किया जाएगा। पर बिल को न तो वापस लिया जाएगा न खत्म किया जाएगा।

 ये देश किसी  गुंडे के बाप की प्रॉपर्टी नही, न किसी पप्पू के खानदान की, न पवार के।  ये देश कायदे कानून से ओर भारतीय संविंधान से चलता आरहा है और चलता रहेगा। और यही बात बीजेपी जनता को बताने में  ओर समझाने में सफल हो रही है। या ये कहो सफल हो गयी है।

 राजनीतिक दृष्टि से निसंदेह इसमे बीजेपी का फायदा है। पर इससे ज्यादा फायदा इसमे आधुनिक भारत का ही है।  ये भारत सशक्त होता जा रहा है, 2014 के बाद इसमे किसी को कोई संदेश नही। ओर मुझ जैसे करोड़ो भारतीयों को ,जिनके लिए "देशप्रथम," है उनके लिए निसंदेह गौरव की बात है

 English version

Today the Supreme Court threw out the movement of the adhatiyas.

  I had been writing for the last several days, that this movement is being played on the BJP's pitch, and the opposition and anti-nationalism has been caught in it.

   * From the very beginning, the entire opposition on Pappu and Punjab's adhatiyya used the same rhetoric, sitting, before the farmers withdraw the bill, then we will talk, or then we will withdraw. *

  Wrong started with just this.

  The Kisan Bill came through Parliament, which is the head of the constitution.  The job of Parliament is to enact bills or laws.
  And when the O law is passed, you cannot get it back by merely staging it on the road.  You have to tell what is wrong with it.  What is going to harm the public or the farmers in it?  If you sit on the road and speak the language of a goon, then it is India, no Muslim country, Syria.
 
 The Government of India was repeatedly saying that what is there in this bill, which is going to cause damage to the farmers of India instead of being a beneficiary?  But Pappu, aadhatiya, sitting on the road, is adamant on this bar with an anti-mentality, whether there is a defect or not, the government should withdraw the law, because we say that.

  While the farmers of all the states of India were standing in favor of this farmer bill, only the adhatiyas of the Congress states of Punjab and Rajasthan were creating problems.  And some unworthy people were instigating him on social media.  But no one was saying, what is lacking in the farmers bill?

  On the other hand, the government was repeatedly saying, "Let's discuss, and tell me what is right, this is lacking."  The government was saying that if you tell us the errors of the bill, we will rectify the bill.  But neither this was understandable to the antagonist, nor to the adhatis, nor to those social media experts who were fueling this movement.

   The Supreme Court does not have the ability to repeal any law unless it is proved before the court that this law is harming the fundamental right of the people according to Indian constitution.  And under this law, the child of the country will also tell the child, that there is no harm to the fundamental right of anyone in it.

  First the movement of Shaheen Bagh started, and all the traitorous religion, got naked in front of the country.  The same thing has happened now, all the opponents, jobbers, provocative people, small leaders who are always trying to destabilize the country, have gone naked in front of the whole country?  And this is what BJP wanted.  Therefore, from the beginning, I have been saying that this movement is being played on BJP's pitch.

  Now what new thing did the Supreme Court say today?  They have also said, just like the government, let's discuss for 2 months, and now we, that is, tell before the committee of 4 people established by the Supreme Court, must tell what is wrong with this bill which opposes the farmers  I am

  And if there is a need for any improvement in the bill then it will be reformed in the bill.  But the bill will neither be withdrawn or abolished.

  This country is not the property of any goon father, nor of any Pappu family, nor of Pawar.  This country has been and will continue to follow the law and the Indian constitution.  And the BJP is succeeding in explaining and explaining this to the public.  Or say it has been successful.

  In political terms, undoubtedly BJP has its advantage.  But modern India has more benefit in this.  This India is becoming stronger, after 2014 it has no message to anyone.  And it is undoubtedly a matter of pride for millions of Indians like me, for whom "Desh Pratham" is

मोदी पवार भाग 2

😎 
*मोदी की लाठी में आवाज़ नहीं है।*

*अजीत अंजुम, पुण्य प्रसून बाजपेयी, बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई, अभिसार शर्मा, विनोद दुआ, आशुतोष कुमार, प्रभु चावला, ये सब बड़े बड़े नाम, जो कल तक भारतीय मीडिया की दिशा तय करने का दम भरते थे, बॉस बने फिरते थे, आज कोरे यूट्युबर हो कर, कोने में धरे पड़े हैं।*
*शाहरुख और आमिर खान जैसे लोगों के पीछे, आम आदमी लाठी लेकर पड़ा हुआ है कि बच्चू  फिल्म आये तुम्हारी, तो उसे फ्लाप करें।* 
*सलमान बच गये, क्योंकि बाप ने सही समय पर दरबार में जाकर प्रार्थना कर ली।*

*इतिहासकार इरफ़ान हबीब जैसे लोगों को अपना वजूद क़ायम रखने के लिये, अब क़लम छोड़कर, दंगाई की औक़ात में, मंच पर राज्यपाल से धक्कामुक्की करनी पड़ रही है।*
*वहीं हमेशा मुफ्त की रोटियाँ तोड़ने वाली रोमिला थापर जैसों को, अपना CV जमा करवाना पड़ रहा है।*
*मल्लिका साराभाई से लेकर भजन सोपोरी और प्रियंका वाड्रा तक को बंगला छोड़कर, बेआबरू होकर, भागना पड़ रहा है।*
*कुमारस्वामी को काँग्रेस से गठबंधन करने की, भारी ग़लती का पछतावा हो रहा है।*
*उपेन्द्र कुशवाहा जैसों को तो ग़लती सुधारने का मौका भी नहीं मिल रहा।*
*कभी IRS रहे उदित राज़, विरोध करते करते,  लतीफ़ा बन कर रह गये और लतीफ़ा रहे रामदास आठवले, समर्थन की बदौलत मंत्री हैं।*

*शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, सिद्धू आदि को बोलने का पूरा मौका दिया गया, पार्टी से निकाला नहीं, लेकिन भौंकने वाला कुत्ता बना कर छोड़ दिया। फिर कुछ, दूसरी पार्टी में आसरा ढूंढते फिरे।*

*तिरंगा को कन्धा देने की धमकी देने वालों (मेहबूबा मुफ्ती) से गठबंधन तो किया, लेकिन अपने एजेंडे के गुणा-भाग समझ कर, उन्हें साल भर के लिये नज़रबन्द भी किया और अब जीवन भर के लिए, राजनीतिविहीन कर के छोड़ दिया। ऐसों के पास, अब भौंकने के अलावा कुछ और बचा ही नहीं।*

*राम मंदिर की बात छोड़िये। वह तो श्रीराम का ही काम था।*
*उसका श्रेय भला कोई और क्यों ले?*

*मोदी की स्थिति यह है कि पिछले 6 साल में कम से कम 10 ऐसी घटनाएं घटी हैं, जब उनके पुतला दहन की कोशिशें हुई, लेकिन  प्रदर्शन के समय, पुतला जलाने वाले, खुद ही सुलग गये।*
*जब मोदी का पुतला इतना करिश्माई है, तो असली मोदी की तो बात ही क्या करें।*

*केजरीवाल ने खूब चिल्ला चिल्ला कर मोदी का विरोध का ड्रामा किया था। नतीजतन पार्टी का  ग्राफ गिरता गया।*
*फिर किसी भले मानुष ने सलाह दी कि बेटा, मोदी को गाली देना बन्द कर दो, सब ठीक हो जायेगा और ऐसा ही हुआ भी।*
*सुना है कि अब एक भले मानुष ने, ममता को भी यह सलाह दी है और ममता ने सलाह को मान भी लिया है।* *यकीन मानिये ममता का यह अकेला निर्णय, यदि उनकी सत्ता बचा ले जाय, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।*

*गाली तो जैसे मोदी का आहार है। जितना दोगे, मोदी उतना ही बढ़ते जाएंगे।*

*नवीन पटनायक का कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि उन्होंने मोदी का विरोध नहीं किया।*
*जिनको लगता है कि उद्धव ठाकरे और संजय राउत पर लाठी नहीं पड़ेगी, वह बहुत भोले हैं। लाठी पड़ेगी और भरपूर पड़ेगी। राउत पर तो पड़नी शुरु भी हो गयी है।*

*हर उस व्यक्ति पर लाठी पड़ेगी, जो मोदी और मोदी के विचार के विरोध में है।*

*मुझे स्वर्गीय अशोक सिंघल जी की वह बात सत्य सिद्ध होती लगती है, जिसमें वह कहते थे कि मोदी अवतारी पुरुष हैं और देश में 1000 साल बाद हिन्दू राजा सिंहासन पर बैठा है।*

*बस आगे आगे देखते रहिये।*
*धीरज न खोइये।*
*हरएक का, नंबर आयेगा।*
*कोई भी छोड़ा नहीं जायेगा।*
*चाहे कोई, किसान का वेश धर ले या मज़दूर का।*
*नंबर तो आयेगा ही।*

4
 * Modi's stick has no voice. *

 * Ajit Anjum, Punya Prasoon Bajpayee, Barkha Dutt, Rajdeep Sardesai, Abhisar Sharma, Vinod Dua, Ashutosh Kumar, Prabhu Chawla, all these big names, who were able to decide the direction of Indian media till yesterday, used to be bosses.  , Today, being a blank YouTuber, is caught in the corner. *
 * Behind the people like Shah Rukh and Aamir Khan, the common man is lying with sticks that if the children come to the film, then flop it.
 * Salman survived because the father went to the court at the right time and prayed.

 * People like historian Irfan Habib have to shudder at the stage on the stage, leaving the pen, now in riot, to keep their existence. *
 * Same as Romila Thapar, who always breaks free rotis, has to submit his CV. *
 * From Mallika Sarabhai to Bhajan Sopori and Priyanka Vadra have to run away, leaving the bungalow unscathed. *
 * Kumaraswamy is regretting the huge mistake of tying up with the Congress. *
 * Upendra Kushwaha is not getting a chance to rectify the mistake.
 * Udit Raaz, once an IRS, protested, became a Latifa and Ramdas Athawale, who was a Latifah, is a minister due to support. *

 * Shatrughan Sinha, Yashwant Sinha, Arun Shourie, Sidhu etc. were given full opportunity to speak, not removed from the party, but left as a barking dog.  Then some, looking for shelter in another party. *

 * Aligned with those who threatened to shoulder the tricolor (Mehbooba Mufti), but considering it to be a big part of their agenda, detained them for a year and now for a lifetime, left them without politics.  With such, now there is nothing left but barking. *

 * Leave the talk of Ram temple.  That was the work of Shriram. *
 * Why should anyone else take credit for it? *

 * Modi's position is that at least 10 such incidents have taken place in the last 6 years, when there were attempts to burn his effigy, but at the time of the demonstration, the effigy burners, themselves were smoldered.
 * When Modi's effigy is so charismatic, what to say about the real Modi. *

 * Kejriwal shouted out a drama to protest Modi.  As a result, the party's graph kept falling. *
 * Then a good man advised that son, stop abusing Modi, everything will be alright and so too.
 * Heard that now even a good man has given this advice to Mamta and Mamta has accepted the advice. * * Believe this lonely decision of Mamta, if her power is saved, it is not surprising.  Will be. *

 * Abuse is just like Modi's diet.  The more you give, the more Modi will grow. *

 * Naveen Patnaik did no harm as he did not oppose Modi. *
 * Those who think Uddhav Thackeray and Sanjay Raut will not get sticks, they are very naive.  There will be sticks and plenty.  Raut has also started falling. *

 * Every person who sticks against Modi and Modi's idea will be lathiched.

 * I find the truth of late Ashok Singhal Ji to be true, in which he used to say that Modi is an avatari man and Hindu king is sitting on the throne after 1000 years in the country. *

 * Just keep looking ahead. *
 * Don't lose patience. *
 * Number of each will come. *
 * No one will be left out. *
 * Whether disguised as a farmer or a laborer. *
 * Number will come. *

पंजाब के आढ़तियों का आंदोलन भाग 6

*चीन और पाकिस्तान के हमले के खिलाफ तैयार भारत की सेना की कमर को रेल, सड़क और संचार व्यवस्था ध्वस्त कर के पहले ही तोड़ देने की इस देशद्रोही साजिश को जानिए समझिए*...

*ध्यान से पढ़िए*...

*देश और दिल्ली से जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले सड़क व रेल मार्ग को तथाकथित किसान आंदोलन की आड़ में जाम कर के बैठे गुंडे कोई किसान नहीं बल्कि भारत विरोधी गैंग के गुंडे और दलाल हैं*.

*लेह लद्दाख कश्मीर में तैनात लाखों भारतीय सैनिकों की रसद, दवाइयां और उन तक गोला बारूद हथियार की सप्लाई पिछले एक महीने से रेल-सड़क मार्ग जाम कर के इन देशद्रोही गुंडों ने रोक रखी है*.
*सरकार फ़िलहाल हवाई जहाज से फौजियों तक यह सामान पहुंचा रही है. लेकिन यह व्यवस्था काम चलाऊ है. सीमा पर तैनात लाखों सैनिकों के लिए यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है*. 
*लेकिन इन देशद्रोही गुंडों ने अब जियो के लगभग डेढ़ हजार मोबाइल टॉवर ध्वस्त कर दिए हैं और आगे करते जा रहे हैं. यह एक भयानक साजिश है जिसके तहत पाकिस्तान से लगी सीमा वाले पंजाब में संचार व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त किया जा रहा है. पंजाब की कांग्रेसी सरकार इसे खुला समर्थन कर रही है*.

*भारतीय सेना की रेल-सड़क सम्पर्क और संचार व्यवस्था को पूरी तरह काट कर चीन और पाकिस्तान की तरफ से होने वाले किसी भी हमले की स्थिति में भारतीय सेना को पूरी तरह लाचार और लचर स्थिति में पहुंचा देने की भयानक तैयारी कर रहे हैं ये देशद्रोही गुंडे. क्योंकि नए कृषि कानून और किसान आंदोलन से भारतीय सेना के जवानों या जियो की मोबाइल फोन सर्विस का किसी भी प्रकार का कोई लेना-देना दूर दूर तक नहीं है*.

*कृपया ये सन्देश देश के हर नागरिक तक पहुंचाने में अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य झोंक दीजिए. वर्ना बहुत गम्भीर और भयानक परिणाम देश को भोगने पड़ेंगे*.

*इन देशद्रोही गुंडों को खुलकर अपना समर्थन और सहयोग दे रहे राजनीतिक गिरोहों के इस देशघाती चरित्र और चेहरे के खिलाफ जनता को खुलकर जागरूक करिए*.

*इन देशद्रोही गुंडों द्वारा मीडिया विशेषकर न्यूजचैनलों के साथ मिलकर किसानों के नाम पर बिछाए गए इस भारत विरोधी इमोशनल ब्लैकमेल के जाल को काटने में सरकार लगी हुई है. इसमें हमारा आपका योगदान भी अब बहुत जरूरी हो गया है* .


* Know this traitorous conspiracy to destroy the waist of the Indian Army prepared against the attack of China and Pakistan, before destroying the rail, road and communication system * ...

 * Read carefully * ...

 * The goons sitting on the road and rail link connecting the country and Delhi to Jammu and Kashmir under the guise of the so-called peasant movement are not farmers, but anti-India gang goons and brokers *.

 * Logistics, medicines and ammunition arms supply to millions of Indian soldiers deployed in Leh Ladakh Kashmir have been stopped by these traitorous goons by blocking rail-road route for last one month *.
 * The government is currently transporting these goods by airplane to the troops.  But this system works.  This arrangement is not sufficient for the millions of soldiers stationed on the border.
 * But these traitorous goons have now demolished about one and a half thousand mobile towers of Jio and are going ahead.  This is a terrible conspiracy under which the communication system in Punjab bordering Pakistan is being completely destroyed.  The Congress Government of Punjab is openly supporting it *.

 * The traitors are making terrible preparations to completely cut down the rail-road connectivity and communication system of the Indian Army in the event of any attack from China and Pakistan, to bring the Indian Army to a completely helpless and helpless position.  Goons  Because the mobile phone service of the Indian Army soldiers or Jio has nothing to do with the new agricultural law and the farmers movement.

 * Please give your full power and strength to take this message to every citizen of the country.  Otherwise, the country will have to suffer very serious and terrible consequences *.

 * Make the public openly aware of this traitorous character and face of political gangs who are openly supporting and supporting these traitorous goons *.

 * The government is engaged in cutting the trap of anti-India emotional blackmail by these traitorous goons, especially in the name of farmers, in collaboration with the media especially newschannels.  Your contribution in this has also become very important.

सोमवार, 11 जनवरी 2021

हार्ट अटैक आने पर तुरंत ये करे

इस वीडियो को जनता तक पहुचाये

अदानी-अम्बानी को गाली देने वाले भाग 2

*"अदानी" ओर "अंबानी "जिस जिस व्यापार मे आये, विदेशी कंपनियों की बैंड बजा दी ।।*

*बस यही कारण है की इन विदेशी एजेंटों द्वारा अपने ही देश का बहिष्कार हो रहा है ।*
जरा सोचो "Jio" के आने से पहले कीतनी लूट थी ??

जब "अदानी एग्रो " शुरू हुआ तो "पेप्सिको" डोमीनोज " वोलमार्ट" ओर मैकडोनाल्ड को क्या तकलीफ ..??  वो तो सालों से बड़े बड़े गोदाम लेकर बैठे है।।
रिलायंस रिटेइल से अमेजन और फ्लिपकार्ट को टक्कर मिल रही है ।।
दुनिया को "5G" टेक्नोलॉजी चीन दे रहा है भारत मे भी करोड़ों इन्टरनेट ग्राहक है परन्तु जैसे ही "रिलायंस Jio " ने ये टेक्नोलॉजी विकसित की तो ये "विदेशी एजेंटो " ने बहिष्कार चालू किया ।।
क्या अदानी,  अंबानी आपसे जबरदस्ती कर रहाँ है ..?? दूसरी कंपनी से मंहगा है .?? तो सस्ता वाला ले लो। 20 रुपये लीटर पेप्सी का पानी जो फाइव स्टार होटल में 200 से 250 रुपये लीटर मिलता हैं, हमें पसन्द है। ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार वाले।
तो अपने ही देश का बहिष्कार क्यूँ ..??  
पतंजलि वाला आपको जबरदस्ती कोई प्रोडक्ट नहीं बेचता , हा वो HUL, COLGATE, ITC जैसी विदेशी कंपनियों को टक्कर जरुर देता है फिर नफरत क्यों, दुष्प्रचार क्यों ???
ये विदेशी कंपनीया भारत से अरबों, खरबो रुपये का बिजनेस करती है हर महीने करोड़ो के विज्ञापन मीडिया को देती है तो क्या वो देशी कंपनियों को बदनाम करने के लिए कुछ करोड़ इन नेताओं ओर लीडरों को नहीं दे सकती ..??  इन विपक्षी समर्थक सिर्फ मोदी विरोध के चक्कर मे अपने ही देश का बहिष्कार क्यों करते है ..?
क्या" अदानी " ओर " अंबानी " नरेन्द्र मोदी ( 2014 ) के आने के बाद ही बिजनेसमैन बने ?? पहले भिखारी थे ?? अपनी इस सोच से
दरअसल लोग विदेशी ताकतों के एजेंडे को बढा रहे हैं।।
अपने ही देश का नुकसान कर रहे हो। तुम ही हो जो स्वदेशी भारत का विरोध कर रहे हो कहेते हो रुपया कमजोर क्यों हो रहाँ है ।।।

याद है यही " अदानी " ओर "अंबानी " का बहिष्कार सबसे पहेले राहुल गांधी ने " रफाल" सौदे को अटकाने  के लिये किया था फिर झूठ फैलाने के लिए कोर्ट मे मांफी मागी थी।।
फिर ये विरोध  शाहीनबाग मे हुआ बताओ "CAA" से इनको क्या लेना-देना ..??
 वामपंथी संगठन, कांग्रेस समर्थन कर रहे है ओर कुछ अक्ल के अंधे इसे " मोदी विरोध " समक्झकर अफवाहों को हवा देते है ।
यह जो सरकार इतनी योजनायें चला रही है, यह पैसा टैक्स से ही आता है। 
हमारे देश की कम्पनियाँ आगे बढ़ेंगी तो देश का पैसा देश में रहेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। 
बाकी आपकी मर्जी। सभी लोग समझदार हैं। 
कोका कोला 1980 मे भारत में आया और 11 soft drink Indian/other brands पर कब्जा कर लिया बाकी को Pepsi ने ले लिया !

कोई विरोध कोई शोर नहीं !

अमेजोन लगभग हर शहर के बिजनेस व धर्म पर हमला कर रहा है !
कोई विरोध कोई शोर नहीं 

Blue Dart, DHL & FedEx जैसी कूरियर सर्विस आई और अपने जहाज भी लाई । अब पूरे व्यवसाय पर कब्जा कर लिया !
कोई विरोध कोई शोर नहीं...

चीनी और कोरियाई मोबाइल भारत में छा गये ! सबने लपालप खरीदा..
कोई विरोध, कोई शोर नहीं ! 

Nestle, Maggi, ITC, Pepsi, ने फार्म सेक्टर मे प्रवेश किया !
कोई विरोध, कोई शोर नहीं ! 

Vehicles mfg industry, two wheelers, वाहन और स्कूटर उद्योग में Honda, Hyundai इत्यादि ने अपना वर्चस्व जमाया जबकि हमारे उद्योग काफी थे !
कोई विरोध कोई शोर नहीं ! 

लेकिन भारत के अडानी, अँबानी जैसों के कृषि क्षेत्र मे प्रवेश पर अचानक विरोध क्यों ? क्या वे जबरन हमारी फसल खरीद सकते हैं, कभी सोचा..?
नहीं..

क्या पतांजलि भारत के लिए खतरा है ?

कोई भी कँपनी/व्यक्ति किसी किसान से उसकी जमीन जबरन नहीं ले सकता या ऐसी पैदावार फसल नहीं ले सकता जिसमें किसान की अनुमति नहीं है ! तो चीख पुकार क्यों..?

अचानक भारतीय_कँपनी_का_ही_विरोध_क्यों ?? जबकि विदेशी कंपनियाँ बहुत समय से कई क्षेत्रों मे उत्पादन कर रही हैं !

क्या यह साधारण सामान्य ज्ञान की कमी की वजह से नहीं है ? 

या किसी कुटिल, योजनाबद्ध तरीके से भारत में अशांति फैलाकर विभाजित करने की प्रकिया का अँग है...??
सोचो......... जरा सोचो...

जिस व्यक्ति ने आज तक अपने किसी रिश्तेदार भाई भतीजे को पद का दुरुपयोग करके अनुचित रूप से कभी भी लाभ नहीं पहुचने दिया, क्या वह कभी भारत के किसान का अहित होने दे सकता है ??
फिर उसका विरोध क्यों..?

क्या इस पर विचार किया कभी..?

जरा सोचिए आपके मूर्खतापूर्ण विरोध से उस राष्ट्रभक्त की सरकार चली गयी तो..
फिर वही लूट खसोट नहीं बढ़ जाएगी..??
उसे हटाकर किसे राष्ट्र के शीर्ष पद पर बैठाओगे ?
कौन मिलेगा इतना ईमानदार नेता कभी सोचा..?

नहीं सोचा..न । समय रहते चेत जाओ नहीं तो आंसू पोछने वाला भी कोई नहीं मिलेगा...!

इसलिए कठोर राष्ट्र्वादी बनो...

यही अंतिम विकल्प है...!

जागो भारत जागो...!!


* "Adani" and "Ambani" in which business they came, played the band of foreign companies. *

 * This is the only reason that these foreign agents are boycotting their own country. *
 Just think how much was the robbery before the arrival of "Jio" ??

 When "Adani Agro" started, what was the problem with "PepsiCo" Domino's "Vollmart" and Macdonald .. ??  They have been sitting with big godowns for years.
 Amazon and Flipkart are competing with Reliance Retails.
 China is giving "5G" technology to the world. India also has crores of internet customers, but as soon as "Reliance Jio" developed this technology, these "foreign agents" started boycott.
 Is Adani, Ambani forcing you .. ??  Is more expensive than another company. ??  So take the cheaper one.  We like the water of 20 rupees per liter of Pepsi, which is available in five star hotels for 200 to 250 rupees.  Twinkle Twinkle Little Star ones.
 So why boycott your own country .. ??
 Patanjali Wala does not forcefully sell you any product, he definitely gives competition to foreign companies like HUL, COLGATE, ITC then why hate, why propaganda ???
 This foreign company does billions, trillions of rupees business from India and gives billions of advertisements to the media every month, so can't it give a few crores to these leaders and leaders to discredit the domestic companies .. ??  Why do these opposition supporters boycott their own country only in the face of opposition to Modi ..?
 Did "Adani" and "Ambani" become businessmen only after the arrival of Narendra Modi (2014)?  Were beggars before ??  With this thought
 Actually, people are increasing the agenda of foreign forces.
 You are doing damage to your own country.  You are the one who is opposing Swadeshi India, why do you say that the rupee is weakening.

 Remember, this was the boycott of "Adani" and "Ambani" for the first time by Rahul Gandhi for stalking the "Rafal" deal, then pleaded in court to spread lies.
 Then this protest happened in Shaheen Bagh. Tell him what he had to do with "CAA" .. ??
  The leftist organizations are supporting the Congress and some of the blind people call it "anti-Modi" and give rise to rumors.
 This government, which is running so many schemes, this money comes from tax itself.
 If the companies of our country go ahead, then the country's money will remain in the country and people will also get employment.
 Rest as you wish.  All people are intelligent.
 Coca Cola arrived in India in 1980 and captured 11 soft drink Indian / other brands, the rest was taken by Pepsi!

 No protest no noise!

 Amazon is attacking the business and religion of almost every city!
 No resistance no noise

 Courier services like Blue Dart, DHL & FedEx arrived and brought their ships as well.  Now occupy the whole business!
 No resistance no noise ...

 Chinese and Korean mobiles dominate India!  Everyone bought Lapalap ..
 No opposition, no noise!

 Nestle, Maggi, ITC, Pepsi entered the farm sector!
 No opposition, no noise!

 Vehicles, Honda, Hyundai etc. dominated the mfg industry, two wheelers, vehicle and scooter industry whereas our industry was quite!
 No protest no noise!

 But why the sudden opposition of India's Adani, Ambani like to enter the agriculture sector?  Can they forcibly buy our crop, ever thought ..?
 No..

 Is Patanjali a threat to India?

 No company / person can forcibly take his land from a farmer or take such a crop in which the farmer is not allowed!  So why cry out ..?

 Why all of a sudden, Indian_Company_?  While foreign companies have been producing in many areas for a long time!

 Is it not because of lack of simple common sense?

 Or is there a crooked, planned method of spreading unrest in India by dividing the process… ??
 Think ......... just think ...

 A person who till date has never allowed any relative's brother and nephew to gain unfairly by misusing his position, can he ever let the farmer of India get hurt ??
 Why then oppose him ..?

 Have you ever considered it ..?

 Just think that your nationalist government has gone away due to your foolish opposition ..
 Then the same loot will not go up .. ??
 Who will replace him and sit at the top post of the nation?
 Who ever thought such a honest leader would get ..?

 Didn't think..n.  If you go to consciousness in time, no one will be able to wipe the tears…!

 So be a hard nationalist…

 This is the last option…!

 Wake up, wake up India… !!

क्या मुस्लिम देशभक्त होते है?*

 *क्या मुस्लिम देशभक्त होते है?* *9 मई काला दिवस जाहिर पाकिस्तान में*  अब हम ऊपर के दोनो मुद्दे को एक दूसरे से जोड़कर निर्णय ले सकते है  194...