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मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन 3

2019 में लगभग 27 करोड़ वोट लेकर बनी दो तिहाई बहुमत वाली जिस सरकार का प्रधानमंत्री 4.8 लाख वोट से चुनाव जीता है, गृहमंत्री 5.60 लाख, रक्षामंत्री 3.47 लाख और कृषि मंत्री 1.33 लाख वोट से चुनाव जीत कर आए हैं. उस सरकार और उसके इन मंत्रियों से आज यह पूछा जा रहा है कि देश के किसानों के बारे में तुम लोग कोई फैसला कैसे कर सकते हो.? अपना फैसला वापस लो और हम जो कह रहे हैं वो करो. आज जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनकी सामाजिक राजनीतिक हैसियत पर भी एक निगाह डालिए...
अपने गृह जनपद की मुजफ्फर नगर सीट पर मात्र दस हजार वोट पाकर 6.43 लाख वोटों से लोकसभा चुनाव हार चुका राकेश टिकैत सरकार का फैसला बदलवा कर अपना फैसला लाद देने की जिद्द में बावला हो रहा है.
अपनी अबतक की जिन्दगी में केवल एक चुनाव लड़ा और 5.75 लाख वोटों से हार कर अपनी जमानत जब्त करा चुका योगेन्द्र यादव भी सरकार का फैसला बदलवा कर देश के किसानों पर अपना फैसला लदवा देने के नशे में धुत्त होकर घूम रहा है.
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में ओखला सीट पर केवल 180 वोट पाया तस्लीम रहमानी भी रोज शाम को किसानों का ठेकेदार बनकर न्यूजचैनलों पर आ जाता है और नए कृषि कानून को बदलने की मांग करते हुए छटपटाने लगता है.

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