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शुक्रवार, 22 जनवरी 2021
भारत का ओ शक्श जो ब्रिटेन के MI अमेरिका के CIA ओर खुद भारत के IB को 40 साल तक पकड़ में नही आया। दोनो वीडियो भी देखे।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की खासियत सिर्फ ये नही, के ओ अखंड आझाद भारत के पहले प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति ओर सेना के सुप्रीम कमांडर थे।
भारत को स्वतंत्र होकर, लगभग 75 साल होने जा रहे है, कई राष्ट्रपति होगये ओर प्रधानमंत्री हो गए,, पर अगर हम आज के पीढ़ी को उनका नाम लेकर पूछे के कौन थे,,, तो किसी को याद नही,, या उनके फ़ोटो दिखाकर पूछो ये कौन थे? तो ओ भी बता नहीं सकते।
पर नेताजी ओर सिर्फ नेताजी सुभाषचंद्र की तस्वीर दिखा दो, तो बच्चे तुरंत नाम बता देते है।
ऐसा क्यो?
कांग्रेस ओर वामपंथियों ने पिछले 70 साल से लगातार कोशिश की, के उनका नाम भारत के इतिहास से हमेशा के लिए गायब कर दिया जाय।
पर नाकामियाब ही रहे।
ये हस्ती है उस शख्स की।
छत्रपति शिवाजी ने दिल्ली से मोगलों की कैद से सही सलामत निकलकर इतिहास रचा, उनके बाद भारत के इतिहास में केवल नेताजी सुभाषचंद्र बोस ही है, जिन्होंने अंग्रेजो की कैद से सफलता पूर्वक निकलकर इतिहास रचा।
क्या हम सोच भी सकते है आज? के आजसे लगभग 75 साल पहले, कोई इंसान उस अंग्रेजो की कैद से सही सलामत निकलकर भाग सकता है, जिसकी हुकमत लगभग आधे विश्व पर थी?
सिर्फ निकलकर भागे ही नही, भारत से कोसो दूर जाकर ओ इंसान उस समय के सबसे बड़े नेता हिटलर की आंखों में आंखे डालकर मित्रतापूर्ण बात करता है, उसकी कैद से भारतीय सेना के जवानों को रिहा करता है, ओर उस जमाने मे अंग्रेजो की आंखों में धूल झोंककर 6 महीने पनडुब्बी में सफर कर जापान भी सही सलामत पहुचता है। और वँहा जाकर 70 "हजार भारतीय सेना के जवानों को जो, बंदी थे, उन्हें आझाद भी करवाता है, ओर आझादहिन्द देश की स्थापना कर के उस जमाने मे 14-15 देशों से उसे मान्यता भी दिलाता है।
वो यही नही रुकता ओ उस आझाद भारत की सेना खड़ी करता है, RBI जैसी बैंक बनाता है। अपनी करंसी चलाता है। और चलो दिल्ली का नारा देकर ब्रिटेन को चुनोती देता है।
इतना ही नही ओ 1945 से लेकर 1985 तक ब्रिटेन की MI अमेरिका की CIA, ओर नेहरू की IB जैसी जासूसी यंत्रणा के पकड़ में भी नही आता, जब के भारत मे ही रह कर हर युद्ध मे भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों की मदत भी करता है।
भारतीय सेना का गीत जो उसने चलाया था, आज भी सेना उसी गीत को पूरे शान शौकत से गा ही रही है। आज भी केवल ओहि गीत।
कदम कदम बढ़ाए जा,,
खुशी के गीत गाये जा,,
ये जिंदगी है कौम की,,
तू कौम पे लुटाए जा,,
आज भी हर भारतीय चाहे तो हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, बौद्ध, पारसी, बड़े शोख से गाता है और सुनता भी है।
क्या है उस गीत में ओर उस शख्स के नाम मे, जो हर भारतीयों के दिल मे बस गया है।
लाख कोशिश की कोंग्रेस ने उसकी हस्ती मिटाने की, पर मिटा नही पायी, न मिटा पाएगी।
बस अफसोस के भारत की सरकार ने आज तक उसका 1945 से 1985 का इतिहास हमसे छुपाया ही है।
आज 23 जनवरी को उस महान शक्शियत के जन्म दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का अभिवादन करने का अब अवसर दिया।
चलो देर आये दुरुस्त आये।
अभी सम्पूर्ण न्याय बचा है। ओ उस दिन शायद उन्हें मिलेगा जब भारत सरकार उनकी IB के पास रखी सारी फाइलें सार्वजनिक करेगी।
यँहा ये याद रहे, कोंग्रेस सरकार ने कई फाइलें पहले ही गायब की, या अपने पास रख ली है। जैसा के भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उस समय, जब ओ प्रधानमंत्री थे, कहा था।
पर जो भी फाइलें आज भी IB के पास ही पड़ी है, ओर जिसे आज भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा,,
भारत सरकार को चाहिए के ओ फाइलें भी सार्वजनिक कर दे।
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